एकाउंट्स एंड वीएलसी

महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), उत्तराखण्ड का कार्यालय 20 कोषागारों (सभी बैंकिंग) से प्राप्त लेखों का संकलन करता है। औसतन, प्रतिमाह लगभग 35,000 वाउचर वाउचर प्रेषण अनुभाग में प्राप्त होते हैं। इन वाउचरों से प्राप्त आंकड़ों का संकलन कर उन्हें वी.एल.सी. (Voucher Level Computerisation) अनुभाग में संगणकृत किया जाता है।

इसके अतिरिक्त, लोक निर्माण, वन एवं सिंचाई विभाग की 214 प्रभागों से प्राप्त संकलित लेखों को भी वी.एल.सी. अनुभाग में संगणकृत किया जाता है। ऐसे लेन-देन जो कोषागार से उत्पन्न नहीं होते और जिनमें पी.ए.ओ. (PAOs) तथा भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) सम्मिलित होते हैं, उन्हें Book (C) और AC (D) अनुभागों के माध्यम से वी.एल.सी. में समेकित किया जाता है।

संस्थागत ऋण एवं अग्रिमों की निगरानी ऋण एवं अग्रिम अनुभाग द्वारा की जाती है। पेंशन संकलन अनुभाग पेंशन वाउचरों के विस्तृत अंकन के लिए उत्तरदायी है।

इस प्रकार मासिक सिविल लेखे तैयार किए जाते हैं, जिनमें विस्तृत बही (Detail Book), भुगतान एवं प्राप्तियों के वर्गीकृत सारांश (Classified Abstracts), समेकित सारांश (Consolidated Abstract), प्रमुख मदों का सारांश (राज्य की संचित निधि/आकस्मिकता निधि/सार्वजनिक खाता) तथा वितरकों के खातों का विवरण (Statement of Disbursers’ Account) सम्मिलित होते हैं।