जीपीएफ के लिए क्या करें और क्या न करें
सामान्य भविष्य निधि के लिए क्या करें और क्या न करें :-
अंशदाता
अपने भविष्य निधि खाता से सभी लेनदेन एवं पत्राचार में उचित प्रत्यय (सफिक्स) के साथ सही खाता संख्या का उल्लेख करें।
यह सुनिश्चित करें कि आपका सामान्य भविष्य निधि खाता संख्या आपकी सेवा पुस्तिका, सा.भ.नि. शिड्यूल, सा.भ.नि. से आहरण इत्यादि में सही उल्लिखित हो।
यह सुनिश्चित करें महालेखकार ओडिशा से जारी किए गए सभी अग्रिम एवं आहरणों को वार्षिक लेखा विवरण में दर्शाया गया हो। यदि लेखा पर्ची के आहरण कॉलम में कोई भूल हो तो अंशदाता का यह कर्तव्य है कि इस भूल को अविलंब महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), ओडिशा के संज्ञान में लाया जाए। गलत आहरण की जानकारी महालेखाकार को देने में असफलता के परिणामस्वरूप आपका भविष्य निधि खाता ऋण शेष हो सकता है जिसके कारण सेवानिवृत्ति के उपरांत परेशानी हो सकती है। कृपया यह सुनिश्चित करें कि महालेखाकार कार्यालय को समस्त जानकारी सही रूप में दी जाए। उन मामलों में विशेष ध्यान दिया जाए जिनमें स्वीकृति आदेश जारी कर दिए गए थे लेकिन राशि आहरण नहीं की गई थी अथवा किसी अन्य खाता संख्या में आहरित की गई थी।
भविष्य निधि खाता पर्ची में यदि कोई अनियमितता पाई जाती है तो इसकी सूचना केवल डीडीओ के माध्यम से संबंधित लेखा अधिकारी/उपमहालेखाकार (निधि) को दी जा सकती है। सीधे पत्राचार न करें। डीडीओ के द्वारा प्रमाणित किए गए दस्तावजों को ही केवल प्रमाणिक रूप से स्वीकार किया जाएगा।
भविष्य निधि खाता विवरण में दर्शाए गए अंतशेष मिसिंग डेबिट एवं क्रेडिट और उस पर ब्याज का समायोजन होता है।