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पटना में स्थान एवं आवासन की अनुपलब्धता के कारण , महालेखाकार का कार्यालय (ए.जी ), बिहार एवं उड़ीसा (वर्त्तमान ओडिशा ), की स्थापना 20 मई 1912 से रांची में की गई , जब डब्ल्यू-अल्डेर महोदय, भारतीय सिविल सेवा ने महालेखाकार के रूप में पदभार ग्रहण किया I अप्रैल 1936 में, एक अलग “उड़ीसा प्रांत” के निर्माण के फलस्वरूप महालेखाकार उड़ीसा कार्यालय को महालेखाकार बिहार कार्यालय से अलग किया गया I राज्य सरकार के अधिकारियों के व्यक्तिगत दावों के त्वरित निपटारे को सुनिश्चित करने के क्रम में महालेखाकार बिहार कार्यालय को फरवरी 1973 में दो अलग अलग कार्यालयों में विभाजित किए Iअर्थात:-
- महालेखाकार -।, बिहार - मुख्यालय रॉंची में स्थित एवं
- महालेखाकार -।।, बिहार - मुख्यालय पटना में स्थित I
भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा विभाग के पुनर्संरचना के बाद लेखापरीक्षा से संबंधित क्रियाकलाप लेखा व हकदारी से अलग किये गए एवं निम्नलिखित चार अलग-अलग कार्यालयों का मार्च 1984 में गठन किया गया I
- महालेखाकार (लेखा एवं हक.)-।, बिहार, रॉंची,
- महालेखाकार (लेखा एवं हक.)-।।, बिहार, पटना,
- महालेखाकार (लेखापरीक्षा)-।, बिहार, पटना,
- महालेखाकार (लेखापरीक्षा)-।।, बिहार, रॉंची
15 नवम्बर 2000 को बिहार पुनर्संरचना नियम 2000 के अनुसार बिहार राज्य को बिहार एवं राजधानी रॉंची के साथ झारखण्ड राज्य में द्विविभाजित किया गया। परिणामस्वरूप कार्यालयों के पुन: नाम बदलकर क्रमश: महालेखाकार (लेखा एवं हक.)-।, बिहार एवं झारखण्ड, रॉंची, महालेखाकार (लेखा एवं हक.)-।।, बिहार एवं झारखण्ड, पटना, महालेखाकार (लेखापरीक्षा)-।, बिहार एवं झारखण्ड, पटना एवं महालेखाकार (लेखापरीक्षा)-।।, बिहार एवं झारखण्ड, रॉंची के कार्यालय रखे गए।
1 अप्रैल 2003 को रांची में स्थित कार्यालय महालेखाकार (लेखापरीक्षा )-II का कार्यालय एवं महालेखाकार (लेखा एवं हक.)-I,बिहार एवं झारखण्ड का कार्यालय का नाम पुनः बदला गया और यह महालेखाकार (लेखापरीक्षा) झारखण्ड का कार्यालय एवं महालेखाकार (लेखा एवं हक.) झारखण्ड का कार्यालय हो गया।