कार्य
2006 से राज्य सरकार के ग्रुप ए एवं बी राजपत्रित अधिकारी और अन्य गणमान्य गणों के राजपत्रित हकदारी कार्यों को प्रधान महालेखाकार( लेखा एवं हक.) झारखण्ड का कार्यालय करता है I इससे पहले , 15 नवम्बर 2000 को झारखण्ड राज्य के बिहार से अलग होने के बाद भी झारखण्ड सरकार के राजपत्रित हकदारी कार्यों को महालेखाकार ( लेखा एवं हकदारी)-II,बिहार, पटना कार्यालय द्वारा निष्पादित किया जाता था I
यह कार्यालय राज्य के निम्निलिखित राजपत्रित अधिकारी और अन्य गणमान्य गणों के राजपत्रित हकदारी कार्यों का निष्पादन करता है-
- सभी राजपत्रित अधिकारीगण जो ग्रेड पे 6600/- की राशि (लेवल -11) एवं अधिक आहरित कर रहे हैं
- अखिल भारतीय सेवा ( आईएस, आईपीएस, आईएफएस ) संवर्ग के सभी अधिकारीगण
- राज्य विधिक सेवा संवर्ग के अधिकारीगण
- अन्य ( गणमान्य गण ,जैसे – राज्यपाल, मुख्य मंत्री , सभापति, उप सभापति , उच्च नयायालय के न्यायाधीश, विधायक ,अध्यक्ष एवं विभिन्न आयोगों/ बोर्ड के सदस्य )
इस कार्यालय में राजपत्रित हकदारी स्कंध है जो सात (7) जी ई अनुभागों से मिल कर बना है ,जिसे सहायक लेखा अधिकारी गण एवं दो (2) शाखा अधिकारी चलाते हैं I जी ई स्कंध का सम्पूर्ण प्रशासन उप महालेखाकार पद के भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा सेवा के अधिकारी को निहित है I
वेतन निर्धारण ,वेतन/छुट्टी वेतन पर्ची जारी करना ,सेवा इतिहास/झारखण्ड राज्य के राजपत्रित अधिकारी गण जिनमें अखिल भारतीय सेवा के अधिकारीगण भी सम्मिलित हैं,जो राज्य के संबंधो से जुड़े कार्य करते हैं ,के सेवा कार्ड्स का रखरखाव I
चूँकि राजपत्रित अधिकारी गणों की सेवा विवरणी का रखरखाव इस कार्यालय द्वारा किया जाता है , उनके पेंशन हितों का प्रारंभिक प्रसंस्करण भी इसी स्कंध द्वारा किया जाता है I
वेतन एवं भत्तों के प्राधिकरण के लिए सामान्य सिद्धांत एवं प्रक्रिया
वेतन एवं भत्तों के प्राधिकरण एवं जांच की जिम्मेदारी महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) की है I परिणामस्वरूप ,राजपत्रित अधिकारी गणों से सम्बंधित अभिलेखों ,पंजियों , छुट्टी लेखों इत्यादि एवं वेतन पुर्जियों , छुट्टी वेतन प्रमाणपत्रों, अंतिम वेतन प्रमाणपत्रों की प्रतिहस्ताक्षरित करने के रखरखाव का कर्तव्य महालेखाकार ( लेखा एवं हकदारी) पर है I
इस समय, यह कार्यालय निम्निलिखित हकदारी कार्यों को करता है –
- वेतन पुर्जी , छुट्टी वेतन पुर्जी
- छुट्टी प्रतिवेदन
- सेवा इतिहास
- छुट्टी नगदीकरण के लिए प्राधिकरण
अंतिम वेतन प्रमाणपत्र (LPC) एवं पूर्व –लेखापरीक्षा दावे ( विपत्र)