भुगतान का मुद्दा
अस्थायी भुगतान (Provisional Payments) और विदेश सेवा (Foreign Service)
अस्थायी भुगतान (Provisional Payments)
वेतन, भत्तों और अवकाश वेतन का अस्थायी भुगतान संबंधित सरकारों के आदेशों और महालेखाकार (Accountant General) के विवेकाधिकार के अनुसार किया जा सकता है ताकि अधिकारियों को अनावश्यक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।
महालेखाकार अस्थायी भुगतान के संबंध में निम्नलिखित सिद्धांतों का पालन करता है:
- अस्थायी भुगतान सामान्यतः बिना सक्षम प्राधिकारी के अनुरोध के नहीं किया जाता।
- यह अनुरोध उस अवधि का स्पष्ट उल्लेख करेगा, जिसके लिए अस्थायी भुगतान किया जाना है, और यह अवधि न्यूनतम होनी चाहिए।
- अधिकारी को स्पष्ट रूप से सूचित किया जाता है कि यह भुगतान अस्थायी है।
- अंतिम आदेश प्राप्त करने के लिए एक उचित रजिस्टर रखा जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अस्थायी भुगतान अनुमोदित अवधि से अधिक न हो।
विदेश सेवा (Foreign Service)
यदि कोई अधिकारी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs), अर्ध-सरकारी उपक्रमों (Quasi-Government Undertakings) या राज्य / राज्य से बाहर के निगमों में प्रतिनियुक्त किया जाता है, तो विदेशी नियोक्ता (Foreign Employer) को वेतन संबंधी जानकारी भेजने हेतु निम्नलिखित दस्तावेज़ आवश्यक हैं:
- प्रतिनियुक्ति की शर्तें और नियम (Terms and Conditions)
- नियुक्ति आदेश (Appointment Order)
- कार्यभार परिवर्तन प्रमाणपत्र (Certificates of Transfer of Charge)
- कोषागार अधिकारी से अंतिम वेतन प्रमाणपत्र (Last Pay Certificate - LPC)
- प्रतिनियुक्ति के दोनों चरणों (आरंभ और समाप्ति) में पारगमन वेतन और भत्तों (Transit Pay & Allowances) का वहन विदेशी नियोक्ता या विभाग द्वारा किया जाएगा।
- प्रतिनियुक्ति के दौरान अवकाश वेतन योगदान (Leave Salary Contribution) और पेंशन योगदान (Pension Contribution) का भुगतान या तो विदेशी नियोक्ता द्वारा किया जाएगा या यदि वह इनकार करता है, तो संबंधित अधिकारी द्वारा किया जाएगा।
भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति (Deputation to Government of India)
- आवश्यक दस्तावेज़ प्राप्त होने पर, सेवा विवरण (Statement of Service) संबंधित मंत्रालय के वेतन और लेखा अधिकारी (Pay and Accounts Officer) को भेजा जाएगा।
- इसके बाद, वही अधिकारी वेतन, भत्तों और वेतनवृद्धि को नियंत्रित करेगा।