खजानों की भूमिका
खजाना वह माध्यम है जिसके द्वारा राज्य के संसाधनों को एकत्र व वितरित किया जाता है और उसका हिसाब दिया जाता है । केरल सरकार के वित्त विभाग में खजाना निदेशक (डी ओ टी) के प्रशासनिक नियंत्रण में केरल के जिला खजाने (डी टी) और उप खजाने (एस टी) कार्य करते हैं ।
संगठनात्मक ढांचा
केरल में खजानों के कार्य केरल सरकार द्वारा निर्धारित संहिता, नियम-पुस्तक और प्रक्रियाओं द्वारा शासित होते हैं ।
केरल में खजानों को प्रशासनिक नियंत्रण के कारणों के लिए चार क्षेत्रों में बांटा गया है :
(क) खजाना उप निदेशक, कोष़िकोड उत्तरी क्षेत्र के लिए जिम्मेदार हैं, जिसमें कोष़िकोड, वयनाड, कण्णूर और कासरगोड राजस्व जिलों के खजाने शामिल हैं, जो 6 जिला खजानों अर्थात् कोष़िकोड, तामरशेरी, वयनाड, कन्नूर, मट्टन्नूर और कासरगोड में विभाजित हैं ।
(ख) खजाना उप निदेशक, तृश्शूर मध्य क्षेत्र के लिए उत्तरदायी हैं, जिसमें एरणाकुलम, तृश्शूर, पालक्काड़ और मलप्पुरम राजस्व जिलों के ख़जाने शामिल हैं, जो 7 जिला खजानों, अर्थात् एरणाकुलम, मूवाट्टुपुष़ा, तृश्शूर, इरिंजालकुडा, पालक्काड़, चेरपुलशेरी और मलप्पुरम में विभाजित हैं ।
(ग) खजाना उप निदेशक, कोट्टयम दक्षिणी क्षेत्र के लिए उत्तरदायी हैं, जिसमें पत्तनमतिट्टा, आलप्पुष़ा, कोट्टयम, इडुक्की के राजस्व जिलों के ख़जाने शामिल हैं, जो 6 जिला खजानों, अर्थात् पत्तनमतिट्टा, आलप्पुष़ा, चेंगन्नूर, कोट्टयम, पाला और इडुक्की में विभाजित हैं ।
(घ) खजाना निदेशक के कार्यालय में खजाना उप निदेशक, तिरुवनंतपुरम, तिरुवनंतपुरम और कोल्लम राजस्व जिलों के खजानों को नियंत्रित करते हैं, जो 4 जिला खजानों, अर्थात् तिरुवनंतपुरम, काट्टाक्कडा, कोल्लम और कोट्टारक्करा में विभाजित हैं ।