अभिदान की दर

अभिदान की राशि अभिदाता द्वारा निर्धारित की जाती है ।  तथापि पूर्ण कालिक कर्मचारियों के मामलों में यह मूल वेतन के 6 % से कम और मूल वेतन से अधिक नहीं हो सकती और अंश कालिक आकस्मिक कर्मचारियों के मामले में परिलब्धियों के 3% से कम और परिलब्धियों से अधिक नहीं हो सकती ।   पिछले वित्तीय वर्ष की 31 मार्च को आहरित मूल वेतन पर न्यूनतम अभिदान निर्धारित होता है । वित्तीय वर्ष के दौरान अभिदान की दर एक बार घटाई और दो बार बढ़ाई जा सकती है ।

अभिदान के लिए शर्तें

निम्न अवसरों को छोड़कर, अभिदाता निधि में मासिक तौर पर अभिदान देगा :

1.निलंबन की अवधि

2. सेवानिवृत्ति से पहले के अंतिम तीन माह की सेवा

निलंबन की अवधि के पश्चात पुनःस्थापन पर अभिदाता को उस अवधि के लिए अनुमत बकाया अभिदानों की अधिकतम राशि तक का रकम एकमुश्त में या किस्तों में अदा करने की अनुमति है ।  बिना भत्ते छुट्टी या अर्ध वेतन छुट्टी के दौरान अभिदाता अपने विकल्प पर अभिदान न करने का चयन कर सकता है ।  अभिदाता अपनी सेवा निवृत्ति की तारीख के ठीक पहले के एक वर्ष की सेवा के दौरान किसी भी समय अभिदान बंद कर सकता है ।