सार्वजनिक और अर्ध-सार्वजनिक निकायों को ऋण और अग्रिम
ऋण अनुभाग में प्राप्त मंजूरी पत्रों की बजट प्रावधान के संदर्भ में संवीक्षा और सहायक ऋण रजिस्टर (SLR) में प्रविष्टि की जाती है । जब खज़ाना लेखाओं के साथ वाउचरें प्राप्त होती हैं, तो आहरित राशि की पुष्टि में एसएलआर में वाउचर संख्या नोट की जाएगी । ऋणी द्वारा ख़जाना चालानों के माध्यम से अदायगी की जाती है जो एसएलआर में दर्ज होते हैं । प्रत्येक व्यक्तिगत वसूली के लिए इस कार्यालय द्वारा आवश्यक मांग नोटिस जारी करना अनिवार्य है । यदि सभी मामलों के संबंध में सरकार द्वारा जारी मंजूरी प्राप्त नहीं होती हैं, तो वाउचरों के साथ संलग्न मंजूरियों की संख्या और तारीख वाउचर की पोस्टिंग के समय एसएलआर में नोट की जाती हैं ।
क) मंजूरी के ब्यौरे और निबंधन व शर्तें सहायक ऋण रजिस्टर (एसएलआर) में नोट किए जाते हैं । ऋण के सामान्य निबंधन व शर्तों के अलावा, यदि "समान वार्षिक किस्तें" निर्धारित होती हैं, तो निर्धारित तालिका के अनुसार वार्षिकी निश्चित की जानी है । इन मामलों में ब्याज के साथ मूलधन निश्चित वार्षिकी राशि से अधिक नहीं होना चाहिए । ब्याज की दर, यदि मंजूरी में उपलब्ध हो, तो एसएलआर में सम्मिलित की जाए । यदि यह उपलब्ध नहीं है, तो इसे प्राप्त कर सम्मिलित की जाए ।
ख) प्रत्याहार के ख़जाना वाउचर, ऋण अनुभाग द्वारा प्राप्त करने पर, भुगतान संबंधी ब्यौरे भी एसएलआर में तत्संबंधी मंजूरी आदेश के सामने नोट किया जाता है ।
ग) मांग नोटिस तैयार करके संबंधित ऋणी को भेजे जाने होते हैं ।
घ) ऋण अनुभाग में वसूली चालानें प्राप्त होने पर एसएलआर में नोट किया जाता है और प्रत्येक ऋण का शेष निकाला जाता है ।
ड़) डेबिटों और क्रेडिटों के संदर्भ में ऋण की ब्रॉडशीटें रखी जाती हैं ।
च) ऋणी से उपयोग प्रमाण-पत्र प्राप्त होने पर प्रत्येक ऋण के सामने उसे नोट करना ।
छ) ऋणों के शेष का वार्षिक विवरण/देय राशि के गैर भुगतान के लिए चूक विवरण तैयार कर ऋणी एवं ऋण स्वीकर्ता विभाग/सरकार को सूचित किया जाता है ।
ज) विभाग/संबंधित ऋणी के साथ ऋण शेषों का समाधान किया जाना है और स्वीकृतियां भी संलग्न की जाती हैं ।
झ) तीन प्रतियों में चालानों द्वारा की गई वसूली के मामले में, एक प्रति ख़जाना द्वारा रखी जाती है, दूसरी प्रति संस्था को भेजी जाती है और तीसरी प्रति इस कार्यालय को भेजी जाती है । लेकिन कुछ संस्थाएं एसएलआर में नोट करने के लिए अपनी प्रति अग्रिम रूप से महालेखाकार कार्यालय को भेज देते हैं । नोट करने के बाद, चालान संस्था को वापस करना होता है । संस्था से प्राप्त चालान की प्रति का उपयोग केवल संदर्भ हेतु ही किया जाना है । एसएलआर में, चालानों के माध्यम से ऋण की वसूली केवल ख़जाने से प्राप्त लेखाओं के आधार पर ही सम्मिलित की जानी चाहिए । यदि कोई चालान खोया हुआ है, तो संस्था से प्राप्त चालान के ब्यौरों के आधार पर ख़जाने से उसकी मांग की जाएगी ।
ञ) ख़जाना/ संस्था द्वारा किए गए किसी भी गलत वर्गीकरण को अं.प्र. के प्रस्ताव द्वारा सुधारा जाता है ।
ट) ऋण निम्नलिखित लेखाशीर्षों के अंतर्गत आते हैं -
- 6217 (6217-60-190-99 को छोड़कर)
- 6215
- 6515-101-93, 96, 97, 99
- 6202-01-203-96, 97, 98
- 6216-80-201-99 (02 &06)
- 6225-01-800-93(33)
- 6801
- 7055
- 7056
- 7615-200-00
यदि ऋणी द्वारा नियत तारीख तक प्रेषण नहीं किया जाता है, तो समय-समय पर यथा संशोधित के.वि.सं. खंड़ 1 के अनुच्छेद 234 द्वारा दंडात्मक ब्याज वसूल करना होता है ।
एक महीने के दौरान चूक और व्यय का विवरण अगले महीने की 10 तारीख तक सरकार (वित्त विभाग) को भेजा जाएगा । संग्रहण हेतु लंबित बकाये का अर्धवार्षिक विवरण प्रत्येक वर्ष 30 अप्रैल और 30 अक्टूबर को वित्त विभाग को सूचित किया जाएगा ।
सरकारी कर्मचारियों को ऋण एवं अग्रिम
प्रवेश
विभागीय प्राधिकारी जब अपने कर्मचारियों को गृ.नि.अ./मो.प.अ./व्य.कं.अ. मंजूर करते हैं, तो इस कार्यालय को मंजूरी आदेशों की प्रति भेजते हैं । मंजूरी आदेश प्राप्त होने पर, यह कार्यालय प्रत्येक ऋणी को एक नई ब्रॉडशीट संख्या आबंटित करता है और प्रवेश सूचना रिपोर्ट, संबंधित विभाग और ऋणी को भेज दी जाती है ।
अग्रिमों का आहरण
इसकी जांच होनी चाहिए
- कि दावाकृत/आहरित राशि मंजूरी के अनुरूप है
- कि इस आशय का प्रमाण-पत्र कि प्रतिभूति बंध-पत्र और अग्रिम के लिए मंजूरी में संदर्भित अन्य दस्तावेज़ विभागीय अधिकारी या अन्य सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्राप्त किए गए हैं,
- कि नियमों के तहत अथवा मंजूरी के अनुसार अधिकार प्राप्त प्राधिकारी द्वारा बिल पर हस्ताक्षर/प्रतिहस्ताक्षर किया गया है ।
वसूलियां
राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन बिलों से वसूली ख़जानों द्वारा निम्नलिखित लेखा शीर्षों में अंतरण जमा किया जाता है :
गृ.नि.अ. 7610-00-201-98-00
मो.प.अ. 7610-00-202-99-00
गृ.नि.अ. पर व्याज 0049-04-800-93-01
मो.प.अ. पर व्याज 0049-04-800-93-02
अखिल भारतीय सेवा को गृ.नि.अ. 7610-00-201-99-00
राज्य सरकार कर्मियों को व्यक्तिगत कंप्यूटर अग्रिम 7610-00-204-98-00
अ.भा.से. अधिकारियों को व्यक्तिगत कंप्यूटर अग्रिम 7610-00-204-99-00
कभी-कभी, वेतन से वसूली को प्रभावित करने के बजाय, मासिक किस्तों को ऋणी द्वारा स्वयं या बाहरी नियोक्ताओं जैसे अन्य लोगों द्वारा चालानों के माध्यम से सरकारी लेखे में जमा किया जाता है । लेखांकन के उद्देश्य के लिए इनपुट सामग्री के रूप में मूल अनुसूचियां/चालानें आवरण सूचियों के साथ खजानों द्वारा महालेखाकार (ले व ह) को भेज दिए जाते हैं ।
व्याज का भुगतान
मूलधन की वसूली पूरी होने पर, महालेखाकार द्वारा अग्रिम पर देय ब्याज निकाल कर विभाग और अधिकारी को सूचित किया जाएगा । यदि किसी कारण से, देय व्याज का पूर्ण रूप से आकलन नहीं होता, तो मूलधन की वसूली के लिए निर्धारित दर पर अनंतिम रूप से वसूली की जानी चाहिए । मासिक शेष पर ब्याज की गणना सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित दर पर की जाएगी । लागू होनेवाली दर वही होगी जो अग्रिम आहरित करने की तारीख को प्रचलित थी ।
दंडात्मक व्याज
के.वि.सं. खंड 1 अनुच्छेद 244 डी (2) के प्रावधानों के अनुसार समय-समय पर बकाया मूलधन और ब्याज की अतिदेय किस्तों के संबंध में ब्याज की सामान्य दर से बढ़कर दंड ब्याज @ 2.5% वसूल किया जाएगा यदि नियमों में निहित प्रावधानों में कोई चूक, उल्लंघन या अतिक्रमण हों । ऐसे चूक, उल्लंघन आदि के उदाहरण हैं : -
- सामान्य स्वीकार्य अवधि से परे ऋणी द्वारा ऋण राशि का अवधारण
- सामान्य स्वीकार्य अवधि से परे घर साइट या घर सहित साइट की बिक्री आमदनी का अवधारण ।
- जिस उद्देश्य के लिए ऋण मंजूर किया गया था उसका गैर-उपयोग, यद्यपि सामान्य अनुमत तिथि के भीतर एकमुश्त में सरकार को ऋण चुकाया गया हो ।
- घर की साइट/घर और साइट की खरीद के बाद बंधक बंध-पत्र के निष्पादन में विलंब ।
- उपयोग प्रमाण-पत्र और समापन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने मे विलंब और
- गृह निर्माण अग्रिम से संबंधित अन्य नियमों की आवश्यकता का अनुपालन नहीं करना ।
सेवानिवृत्ति के समय देयता
आम तौर पर ऋणी की सेवानिवृत्ति से पहले ब्याज के साथ अग्रिमों की अदायगी पूरी की जानी चाहिए । यदि सेवानिवृत्ति के समय कोई राशि वसूली हेतु शेष रह जाती है, तो ऐसी राशि डीसीआरजी से प्रेषित/वसूल कर संबंधित लेखा शीर्ष में जमा की जानी चाहिए । अराजपत्रित अधिकारियों के मामले में, महालेखाकार द्वारा बकाया देयताओं को अभिनिश्चित करके डीसीआरजी से समायोजन को प्रभावित करने के लिए ख़जाना अधिकारी को जारी विभागीय देयता प्रमाण-पत्र में शामिल किया जाए । अग्रिम के संबंध में भुगतान प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए प्राप्त चालान महालेखाकार को भेज दिया जाता है । राजपत्रित अधिकारियों के मामले में बकाया देयताएं, यदि कोई हों, तो महालेखाकार द्वारा समायोजित की जाएंगी और समायोजन उपदान भुगतान आदेश, ऋणी को सूचना देते हुए खजाना अधिकारी को जारी किया जाएगा । इसी प्रकार, राजपत्रित अधिकारियों के मामले में निकासी प्रमाण-पत्र के अभाव में विभागीय देयता/अदेयता प्रमाण-पत्र रोका नहीं जाना है । महालेखाकार के कार्यालय द्वारा अ.प्र.प. जारी करने और डीसीआरजी के निर्गमन में अनावश्यक देरी से बचने के लिए महालेखाकार को अग्रेषित पेंशन पुस्तिका में दीर्घकालिक अग्रिमों की स्थिति नोट की जानी चाहिए ।
ऋण लेखाओं का असामयिक समापन
ऋणी अपने ऋण लेखाओं को समय से पहले बंद करने के लिए एकमुश्त चालान प्रेषण कर सकते हैं । चूंकि महालेखाकार के कार्यालय में खजाने से ऐसे चालान प्राप्त करने में कुछ समय लग सकता है, इसलिए निकासी प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए ऋणी को खजाने से एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता है । तथापि, ऋणी को कठिनाई से बचाने के लिए, अब घोषणा प्रस्तुत करने पर निकासी प्रमाण-पत्र जारी किया जा रहा है ।
सेवा के दौरान मृत अधिकारियों के ऋण लेखाओं का समापन
अनुकंपा उपाय के रूप में, राज्य सरकार ने उन सरकारी कर्मचारियों के मामले में बकाया देनताओं को बट्टे खाते डालने/माफ करने का निर्णय लिया है, जिनके प्रेषण सेवा में रहते हुए बिना किसी चूक के किए गए थे । यह नीचे उल्लिखित कुछ शर्तों के अधीन है :
- बट्टे खाते डाली / माफ की गई राशि 5 लाख रुपये तक सीमित होगी ।
- यदि कुल देयता 5 लाख रुपये से अधिक है, तो बट्टे खाते डालने/माफ करने में पहले चिकित्सा उपचार के लिए ब्याज मुक्त चिकित्सा अग्रिम को, फिर गृ.नि.अ./मो.प.अ. पर ब्याज और गृ.नि.अ./मो.प.अ. के मूल भाग के शेष को प्राथमिकता दी जाएगी ।
- संयुक्त ऋण के मामले में, जब एक पक्ष की मृत्यु हो जाती है, तो मामले पर सरकारी स्तर पर व्यक्तिगत रूप से विचार किया जाएगा।
- आवेदक को बट्टे खाते डालने हेतु आवेदन पत्र के साथ स्थानीय नोटरी पब्लिक द्वारा विधिवत् प्रमाणित इस आशय का शपथ पत्र कर प्रस्तुत करना होगा कि अग्रिम (गृ.नि.अ./मो.प.अ./चिकित्सा उपचार) का उपयोग पूरी तरह से उसी प्रयोजन के लिए किया गया है जिसके लिए वह स्वीकृत किया गया था ।
- सरकारी सेवक की मृत्यु के समय बकाया व्यक्तिगत कंप्यूटर अग्रिम को भी स.आ. (पी) 11/03/फिन दिनांक 6.1.2003 के निर्गम द्वारा इस योजना के अंतर्गत लाया गया है ।