प्रस्तावना
प्रधान महालेखाकार/महालेखाकार (लेखापरीक्षा) के कार्यालय भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की अध्यक्षता में भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा विभाग के राज्य स्तरीय अधिकारी हैं। ये कार्यालय राज्य स्वायत्त निकायों और राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों सहित राज्य सरकार के व्यय और प्राप्तियों के संबंध में नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक का लेखापरीक्षा कार्य करते हैं।
राज्य लेखापरीक्षा व्यवस्थाएं पिछले कुछ वर्षों में विकसित हो रही हैं जिसके कारण दो राज्य लेखापरीक्षा कार्यालयों के बीच राज्य सरकार के विभागों का लेखापरीक्षा क्षेत्राधिकार पुनर्वितरण हुआ है।
वर्तमान व्यवस्थाएः
क्लस्टर आधारित क्षेत्राधिकार विभाजनः भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के कार्यालय ने मई 2020 से राज्य सरकार के सभी विभाग को उनकी कार्यात्मक समानता के आधार पर सोलह अलग-अलग समूहों के अंतर्गत समूहीकृत किया है। मई 2023 में किए गए क्षेत्राधिकार केपुर्नसमायोजन के अनुसार इन 16 समूहों में से सात समूहों को इस कार्यालय के लेखापरीक्षा क्षेत्रधिकार के अंतर्गत रखा गया है, जबकि शेष नौ को अन्य लेखापरीक्षा कार्यालय के साथ रखा गया है।
लेखापरीक्षा क्षेत्राधिकार |
कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा-I), पश्चिम बंगाल |
कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा-II), पश्चिम बंगाल |
निम्नलिखित सात क्लस्टर कार्यालय-I के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत हैः |
निम्नलिखित नौ क्लस्टर कार्यालय-II के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत हैः |
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1.स्वास्थय एवं कल्याण |
1. कृषि, खाद्य एवं संबद्ध उद्योग |
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2.शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार |
2.जल संसाधन |
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3.अर्थव्यवस्था |
3. उर्जा एवं शक्ति |
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4.ग्रामीण विकास |
4. उद्योग एवं वाणिज्य |
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5.शहरी विकास |
5.परिवहन |
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6. कानून और व्यवस्था |
6. पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी |
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7.सामान्य प्रशासन |
7. लोक निर्माण कार्य |
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8.आई.टी. एवं संचार |
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9. संस्कृति तथा पर्यटन |
स्थानीय लेखापरीक्षा विभाग (स्था.ले.वि) को पंचायती राज संस्थाओं (पी.आर.आई.), शहरी स्थानीय निकाय (यू.एल.बी.) सहित अन्य स्थानीय निकायों (ओ.एल.बी.) के लेखापरीक्षा का काम सौंपा गया है। स्थानीय लेखापरीक्षा विभाग का बजट तथा आहरण एवं वितरण अधिकारी अलग है, जबकि स्थानीय लेखापरीक्षा विभाग के संपूर्ण व्यय की प्रतिपूर्ति पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा की जाती है (स्थानीय लेखापरीक्षा विभाग की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की चर्चा स्थानीय लेखापरीक्षा विभाग अनुभाग के अंतर्गत की गई है।
मई 2023 से वर्तमान व्यवस्था के अंतर्गत, सभी स्थानीय निकाय जो कि पंचायती राज संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकाय एवं सहित अन्य स्थानीय निकायों (ओ.एल.बी.) का लेखापरीक्षा पूरी तरह से कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा-1), पश्चिम बंगाल को है। इन इकाईयों को निम्नलिखित रुप में सम्मिलित किया गया हैः
- ग्रामीण विकास क्लस्टर (सभी पी.आर.आई.)
- विकास क्लस्टर (सभी यू.एल.बी.)
- अन्य क्लस्टर ( विभागीय संबद्धता के आधार पर अन्य स्थानीय निकाय)
पी.आर.आई. एवं यू.एल.बी. केके लेखापरीक्षा के प्रभारी समूह अधिकारी को स्थानीय लेखाओं के परीक्षक के रुप में नामित किया गया है (ई.एल.ए.)। पश्चिम बंगाल में प्रचलित अनूठी व्यवस्था के अंतर्गत स्थानीय लेखाओं के परीक्षक ही पी.आर.आई. एवं यू.एल.बी. के एकमात्र लेखापरीक्षक हैं।
पूर्व व्यवस्थाएं (मई 2020 से अप्रैल 2023)
मई 2023 के राज्य लेखापरीक्षा कार्यालयों का क्लस्टर आधारित पुनर्गठनः
मई 2020 के क्लस्टर आधारित पुनर्गठन के अंतर्गत मई 2020 से अप्रैल 2023 तक दो कार्यालयों के बीच क्लस्टर का विभाजनः
लेखापरीक्षा क्षेत्राधिकार |
कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा-I), पश्चिम बंगाल |
कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा-II), पश्चिम बंगाल |
निम्नलिखित सात क्लस्टर कार्यालय-1 के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत हैः |
निम्नलिखित नौ क्लस्टर कार्यालय-II के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत हैः |
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1.स्वास्थय एवं कल्याण |
1.उर्जा एवं शक्ति |
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2.शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार |
2.उद्योग एवं वाणिज्य |
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3.अर्थव्यवस्था |
3.परिवहन |
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4.ग्रामीण विकास |
4.शहरी विकास |
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5.कृषि, खाद्य एवं संबद्ध उद्योग |
5. पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी |
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6.जल संसाधन |
6. लोक निर्माण कार्य |
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7. कानून और व्यवस्था |
7.आई.टी.एवं संचार |
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8.संस्कृति तथा पर्यटन |
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9.सामान्य प्रशासन |
मई 2020 से अप्रैल 2023 के दौरान स्थानीय लेखापरीक्षा विभाग के कार्य को दो राज्य लेखापरीक्षा कार्यालयों के बीच विभाजित किया गया था।
कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा-I), पश्चिम बंगाल |
सभी पंचायती राज संस्थाएं अन्य सभी स्थानीय निकाय जो प्रशासनिक रुप से लेखापरीक्षा-I कार्यालय के लेखापरीक्षा क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाले सात समूहों में से किसी एक से संबद्ध हो। |
कार्यालय प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा-II), पश्चिम बंगाल |
सभी शहरी स्थानीय निकाय अन्य सभी स्थानीय निकाय जो प्रशासनिक रुप से लेखापरीक्षा-II कार्यालय के लेखापरीक्षा क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाले नौ समूहों में से किसी एक से संबद्ध हो। |
पश्चिम बंगाल में राज्य लेखापरीक्षा कार्यालयों के क्रमिक विकास का सारांश
नवंबर 1985 में, भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग को लेखापरीक्षा और लेखा में विभाजित किया गया था। परिणामस्वरूप, 1 नवम्बर 1985 से पृथक लेखापरीक्षा कार्यालय अस्तित्व में आया।
लेखापरीक्षा कार्यालय को भी निम्नलिखित दो कार्यालयों में विभाजित किया गया था:
- महालेखाकार (लेखापरीक्षा-I), पश्चिम बंगाल
- महालेखाकार (लेखापरीक्षा-II), पश्चिम बंगाल
तब से पुनः नामकरण/पुनर्गठन की घटनाओं का कालक्रम निम्नानुसार था:
दिनांक
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कार्यालय-I |
कार्यालय-II |
नवंबर 1985
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महालेखाकार (लेखापरीक्षा-I), पश्चिम बंगाल (स्थानीय लेखापरीक्षा विभाग सहित) |
महालेखाकार (लेखापरीक्षा-II), पश्चिम बंगाल |
अप्रैल 2002: राज्य लेखापरीक्षा कार्यालयों का पुनः नामकरण |
प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा), पश्चिम बंगाल |
महालेखाकार (प्राप्ति, निर्माण एवं स्थानीय निकाय लेखापरीक्षा), पश्चिम बंगाल (स्थानीय लेखापरीक्षा विभाग का स्थानांतरण कार्यालय महालेखाकार (लेखापरीक्षा-I), प.बं. से इस कार्यालय में हुआ था) |
अप्रैल 2012: (लेखापरीक्षिती विभागों के क्षेत्रीय वितरण के आधार पर राज्य लेखापरीक्षा कार्यालयों का पुनर्गठन - सामान्य, सामाजिक और आर्थिक)
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प्रधान महालेखाकार (सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र लेखापरीक्षा), पश्चिम बंगाल (स्थानीय लेखापरीक्षा विभाग को ए.जी. (आर.डब्ल्यू.एल.बी.ए.) से वापस स्थानांतरित कर दिया गया था) क्षेत्राधिकार रूपरेखा: सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र विभागों जैसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, शिक्षा, वित्त, गृह, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, श्रम, खाद्य एवं आपूर्ति, शहरी विकास इत्यादि के अंतर्गत विभागीय पदधारियों, स्वायत निकायों एवं पी.एस.यू. (जी. एंड एस.एस. I विंग) पंचायती राज संस्थाएं (एस.एस.-II विंग, स्थानीय लेखाओं (पी.आर.आई.) के परीक्षक का नेतृत्व)। शहरी स्थानीय निकाय एवं अन्य स्थानीय निकाय (एस.एस.-III विंग, स्थानीय लेखाओं (यू.एल.बी.) के परीक्षक का नेतृत्व) |
महालेखाकार (आर्थिक और राजस्व क्षेत्र लेखापरीक्षा), पश्चिम बंगाल क्षेत्राधिकार रूपरेखा:
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दिनांक
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कार्यालय-I |
कार्यालय-II |
मई 2020 (राज्य लेखापरीक्षा कार्यालयों का क्लस्टर आधारित पुनर्गठन) |
प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा-I), पश्चिम बंगाल
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प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा-II), पश्चिम बंगाल
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क्षेत्राधिकार रूपरेखा: राज्य सरकार के सभी विभागों को उनकी कार्यात्मक समानता के आधार पर सोलह विभिन्न क्लस्टर्स के अंतर्गत समूहीकृत किया गया था। निम्न सात क्लस्टर्स लेखापरीक्षा-I कार्यालय के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत हैं: 1. स्वास्थ्य एवं कल्याण 2. शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार 3. ग्रामीण विकास 4. कृषि, खाद्य एवं संबद्ध उद्योग 5. जल संसाधन 6. कानून एवं व्यवस्था 7. वित्त इस व्यवस्था के अंतर्गत स्था. लेप. वि. के कार्य को इन दो कार्यालयों के बीच विभाजित किया गया था। पंचायती राज संस्थाओं एवं उपर्युक्त सात क्लस्टर्स के अंतर्गत आने वाले अन्य स्थानीय निकायों का लेखापरीक्षण लेखापरीक्षा-I के साथ बना हुआ था। |
क्षेत्राधिकार रूपरेखा: राज्य सरकार के सभी विभागों को उनकी कार्यात्मक समानता के आधार पर सोलह विभिन्न क्लस्टर्स के अंतर्गत समूहीकृत किया गया था। निम्न नौ क्लस्टर्स लेखापरीक्षा-II कार्यालय के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत हैं 1. ऊर्जा एवं विद्युत 2. उद्योग एवं वाणिज्य 3. शहरी विकास 4. पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 5. लोक निर्माण 6. आई.टी. एवं संचार 7. संस्कृति एवं पर्यटन 8. सामान्य प्रशासन 9. परिवहन स्था. लेप. वि. के कार्य का विभाजन होने से शहरी स्थानीय निकायों एवं उपर्युक्त नौ क्लस्टर्स के अंतर्गत आने वाले अन्य स्थानीय निकायों का लेखापरीक्षण लेखापरीक्षा-II को स्थानांतरित हो गया था। |
स्था.लेप.वि. क्षेत्राधिकार का इतिहास |
मार्च 2002 तक, स्था.लेप.वि. कार्यालय महालेखाकार (लेखापरीक्षा-I), पश्चिम बंगाल के साथ था
अप्रैल 2002 से, स्था.लेप.वि. कार्यालय महालेखाकार (प्राप्ति, निर्माण एवं स्थानीय निकाय लेखापरीक्षा), पश्चिम बंगाल से जुड़ा हुआ था
अप्रैल 2012 के पुनर्गठन के समय, स्था.लेप.वि. को अप्रैल, 2012 में पुनः एक बार इस कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया था।
मई 2020 से अप्रैल 2023 के दौरान, स्था.लेप.वि. के कार्य को दो राज्य लेखापरीक्षा कार्यालयों के बीच विभाजित किया गया था। पी.आर.आई. का लेखापरीक्षण लेखापरीक्षा I कार्यालय के साथ था जबकि यू.एल.बी. का लेखापरीक्षण लेखापरीक्षा II कार्यालय द्वारा किया जाता था।
मई 2023 से: अगस्त 2022 में मुख्यालय कार्यालय द्वारा एक नीतिगत निर्णय लिया गया कि एक राज्य के सभी स्थानीय निकायों का लेखापरीक्षण एक लेखापरीक्षा कार्यालय (लेखापरीक्षा-I कार्यालय) द्वारा किया जाना चाहिए। इसके कारण मई 2023 से शहरी स्थानीय निकायों की लेखापरीक्षा को लेखापरीक्षा-II से लेखापरीक्षा-I कार्यालय में स्थानांतरित करना आवश्यक हो गया।