लेखापरीक्षा के कार्य-क्षेत्र के दायित्व विस्तारपूर्वक श्रेणीबद्ध कर वित्तीय लेखापरीक्षा, अनुपालन लेखापरीक्षा और निष्पादन लेखापरीक्षा के रुप में नीचे दिए गए हैं । लेखापरीक्षा के कार्य-क्षेत्र में उपरोक्त लेखापरीक्षा क्षेत्राधिकार में शामिल अन्य क्षेत्र तथा केरल सरकार में 35 सर्वोच्च लेखापरीक्षा इकाईयां, 76 सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों/ स्वायत्त निकायों, अभिकरणों तथा संबद्ध कार्यालयों के अन्तर्गत इन सर्वोच्च इकाईयों के अधीन (35 सर्वोच्च लेखापरीक्षा इकाईयां,3,920 लेखापरीक्षा इकाईयां और 24,279 कार्यान्वयन इकाईयों) की लेखापरीक्षा शामिल है।
वित्तीय लेखापरीक्षा
यह निर्धारित करने पर केंद्रित है कि क्या इकाई की प्रस्तुत की गई वित्तीय जानकारी, लागू वित्तीय रिपोर्टिंग और विनियामक ढांचे के अनुसार है । यह पर्याप्त और उचित लेखापरीक्षा साक्ष्य प्राप्त करने के द्वारा पूरा किया जाता है ताकि लेखापरीक्षक यह व्यक्त करने में सक्षम हो सके कि क्या वित्तीय जानकारी धोखाधड़ी या त्रुटि के कारण सामग्री के दुरुपयोग से मुक्त है ।
अनुपालन लेखापरीक्षा
यह इस बात पर केंद्रित है कि क्या कोई विशेष विषय मापदंड के अनुपालन में है या नहीं । अनुपालन लेखापरीक्षा में यह निर्धारित किया जाता है कि गतिविधियां, वित्तीय लेनदेन और जानकारी, सभी मूर्त रूप में, नियत प्रधिकार के अनुपालन में जिसमें संविधान, अधिनियम, विधि, नियम और कानून, बजट संकल्प, नीति, अनुबंध, समझौते, स्थापित कोड, अनुज्ञा, आपूर्ति आदेश, मान्य शर्तें या सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय प्रबंधन का निर्धारक सामान्य सिद्धांत और सरकारी कर्मचारियों के आचरण शामिल हैं ।
निष्पादन लेखापरीक्षा
यह इस बात पर केंद्रित है कि क्या व्यवधान, कार्यक्रम और संस्थान अर्थव्यवस्था, दक्षता और प्रभावशीलता के सिद्धांतों के अनुसार निष्पादन कर रहे हैं और क्या इसमें सुधार की गुंजाइश है । निष्पादन की जाँच उपयुक्त मानदंडों और उन मानदंडों से विचलन के कारणों या अन्य समस्याओं के विश्लेषण की तुलना से की जाती है । इसका उद्देश्य प्रमुख लेखापरीक्षा प्रश्नों का उत्तर देना और इसमें सुधार के लिए सिफारिशें प्रदान करना है ।