प्रस्तावना
भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग का नेतृत्व भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक द्वारा किया जाता है, जिनके कर्तव्य, शक्तियां और सेवा शर्तें मुख्य रूप से भारत के संविधान के अनुच्छेद 149 से 151 और नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कर्तव्य, शक्तियां और सेवा की शर्तें) )अधिनियम, 1971 से ली गई हैं । महालेखाकार कार्यालय (लेखापरीक्षा - I), केरल, भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक के क्षेत्रीय कार्यालयों में से एक का नेतृत्व महालेखाकार करता है ।
महालेखाकार (लेखापरीक्षा - I) को सौंपे गये मुख्य लेखापरीक्षा कार्य हैं:
- 35 सर्वोच्च विभागों की प्राप्तियों और व्यय लेखापरीक्षा , जिसमें स्वास्थ्य, स्थानीय स्वशासन, गृह, सामान्य प्रशासन, कृषि, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, खेल एवं युवा मामले, श्रम एवं रोजगार, जल संसाधन,मत्स्य पालन, सहकारिता, सामाजिक न्याय, सूचना एवं जनसंपर्क और भू राजस्व जैसे प्रमुख विभाग शामिल हैं ।
- 35 सर्वोच्च विभागों** के अंतर्गत आने वाले 207 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/स्वायत्त निकायों की लेखापरीक्षा ।
- विश्व बैंक और अन्य बाहरी एजेंसियों द्वारा सहायता प्राप्त परियोजनाओं और केंद्र प्रायोजित योजनाओं की लेखापरीक्षा, जिन्हें महालेखाकार द्वारा प्रमाणीकरण की आवश्यकता होती है ।
- केरल सरकार से संबंधित भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की रिपोर्ट तैयार करना:
o स्टैंड अलोन निष्पादन रिपोर्ट
o राज्य अनुपालन रिपोर्ट (क्लस्टर/विभाग आधारित रिपोर्ट)
o स्थानीय स्वशासन संस्थाओं पर राज्य अनुपालन रिपोर्ट
- लेखापरीक्षा रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान राज्य विधान समितियों को सहायता प्रदान करना ।
महालेखाकार इसके लिए भी जिम्मेदार है:
o कार्यालय के प्रशासनिक कार्य
o केरल में महालेखाकार कार्यालयों की संपदा का प्रबंधन और
o कार्यालय के स्टाफ सदस्यों की कल्याणकारी गतिविधियाँ।