वित्तीय लेखापरीक्षा / लेखाओं का प्रमाणन

महानिदेशक (इन्फ्रास्ट्रक्चर), दिल्ली के लेखापरीक्षा क्षेत्राधिकार के अंतर्गत मंत्रालय/सांविधिक निगम/केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई) और केंद्रीय स्वायत्त निकाय (सीएबी) की लेखापरीक्षा भारत के संविधान के अनुच्छेद 149 और 151 तथा नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (कर्तव्य, शक्तियां और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1971 की धारा 13, 19 और 20 की आवश्यकताओं के अनुसार लेखापरीक्षा की जाती हैं।

भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) संघ और राज्य सरकारों के खातों को प्रमाणित करने तथा आश्वासन प्रदान करने के लिए उत्तरदायी हैं । भारत के संविधान के प्रावधानों के आधार पर सीएजी एकमात्र लेखापरीक्षक के रूप में कार्य करता है। यह कार्यालय अपने प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत मंत्रालयों के विनियोजन लेखाओं, वित्त लेखाओं जो कि सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, केंद्रीय स्वायत्त निकायों (सीएबी) के खातों के प्रमाणीकरण हैं, की लेखापरीक्षा करता है।

सरकारी कंपनियों के संबंध में कंपनी अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुसार सीएजी द्वारा नियुक्त चार्टर्ड एकाउंटेंट द्वारा संविधानिक लेखापरीक्षा की जाती है। सीएजी एक पूरक लेखापरीक्षा करता है और टिप्पणी, यदि कोई हो, जारी की जाती है।

केंद्रीय स्वायत्त निकायों के संबंध में, कार्यालय नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कर्तव्यों, शक्तियों और सेवा की शर्तों) अधिनियम 1971 की धारा 19(2) के अंतर्गत उस तिथि को समाप्त वर्ष के लिए आय और व्यय लेखाओं और प्राप्ति और भुगतान लेखाओं को प्रमाणित करता है तथा केंद्रीय स्वायत्त निकायों को पृथक् लेखापरीक्षा रिपोर्ट (एसएआर) जारी करता है।

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