जीपीएफ़ सूचना
- निधि में प्रवेश के लिए पात्रता
- जीपीएफ अंशदान
- अग्रिम
- आहरण
- अंतिम समापन
- लेखों की वार्षिक विवरणी
- जीपीएफ अंतिम भुगतान समायोजन की स्थिति
- मिसिंग क्रेडिट का समायोजन
- भविष्य निधि बकाया
- जीपीएफ गणना
- पूर्ण कमी, आंशिक कमी और गैर प्रेषित मदों की रिपोर्ट
- अंशधारक/ डीडीओ के लिए जानकारी
- सीएजी शिकायत मामलों की स्थिति
- Grievance/feedback/complaint
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
अंशदान की दर
अंशदान की राशि स्वयं अंशधारक द्वारा तय की जाती है। यदपि यह मूल वेतन के 6% से कम और मूल वेतन से ज्यादा नही हो सकती।
पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष की 31मार्च को आहरित मूल वेतन पर न्यूनतम अंशदान निर्धारित किया जाता है। वित्तीय वर्ष के दौरान अंशदान दो बार बढ़ाया जा सकता है और / या एक बार घटाया जा सकता है।
अंशदान के लिए शर्ते
अंशधारक निधि में मासिक अंशदान करेगा, के अलावा
निलंबन अवधि
सेवानिवृति से पहले सेवा के अंतिम चार वर्ष
एक अंशधारक को निलंबन अवधि के बाद बहाली पर उस अवधि के लिए स्वीकृत बकाया अंशदान, कोई राशि जो बकाया अधिकतम राशि से अधिक ना हो, के एकमुश्त या किस्तों में भुगतान की अनुमति होगी। एक अंशधारक अर्द्ध वेतनिक अवकाश या बिना भत्तों के अवकाश के दौरान अंशदान ना देने का विकल्प चुन सकता है। सेवानिवृत्ति के बाद अंशधारक को देय बकाया अंशधारक को भुगतान किया जाना चाहिए और उसे उसके जीपीएफ में जमा नही किया जाना चाहिए।