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महालेखाकार, मेघालय के कार्यालयों का एक वृत्तांत है, जिसे सन् 1910 में नियंत्रक के कार्यालय, असम शिलांग के नाम से स्थापित किया गया था। सन् 1952 में इसने एक महालेखाकार का कार्यालय का दर्जा प्राप्त किया और तत्कालीन अविभाजित राज्यों असम के संयोजित लेखा परीक्षा एवं लेखा कार्यालय के रूप में कार्य किया । सन् 1973 में नागालैंड, त्रिपुरा और मणिपुर राज्यों के गठन के साथ, इन तीन राज्यों की राजधानियों में महालेखाकार कार्यालयों का गठन किया गया, जिसके फलस्वरूप शिलांग में महालेखाकार के कार्यालयों का भौगोलिक क्षेत्राधिकार भी घट गया। मार्च, 1984 में भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा विभाग के लेखा परीक्षा विंग/ पक्ष और लेखा एवं हकदारी (ले.व.ह.) विंग/ पक्ष और चार महालेखाकार का कार्यालय अर्थात, (i) प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा) असम (ii) महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) असम (iii) प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा) मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम और (iv) महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम के सभी कार्यालयों के मुख्यालय शिलांग में गठन किए गए।
कालांतर में, महालेखाकार के कार्यालयों, असम; शिलांग से गुवाहाटी में स्थानांतरित कर दिया गया। अप्रैल, 2006 में मिजोरम आइजोल में और ईटानगर के लिए अरुणाचल प्रदेश में, नए महालेखाकार के कार्यालयों के गठन के साथ, शिलांग में दो महालेखाकार कार्यालयों जैसे प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा) मेघालय और महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) मेघालय का आधिकारिक रूप से पुनः नामकरण किया गया।