कोषागार राज्य सरकार की वित्तीय लेन-देन दर्ज करने की मूल इकाई है, जिसके माध्यम से सरकार के नकद लेन-देन किए जाते हैं। सरकार को प्राप्त होने वाली सभी रसीदें तथा राज्य सरकार की ओर से किए जाने वाले सभी भुगतान कोषागारों के माध्यम से होते हैं। कोषागार मासिक लेखे प्रधान लेखा महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) के कार्यालय को संकलन हेतु प्रस्तुत करते हैं, जिसके आधार पर राज्य सरकार के वार्षिक लेखे तैयार किए जाते हैं। इस प्रकार, वित्तीय नियंत्रण में कोषागार राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण इकाई है।

कोषागारों के नियमित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोड, मैनुअल एवं प्रशासनिक प्रक्रियाएं निर्धारित की हैं। इन नियमों एवं प्रक्रियाओं से किसी भी प्रकार का विचलन कोषागारों की वित्तीय जवाबदेही को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है। अतः, कोषागार राज्य की वित्तीय स्थिति को दर्शाने वाले लेखों के निर्माण/संकलन में प्रधान लेखा महालेखाकार के कार्यालय को आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

अतः यह आवश्यक है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोषागार संगठित एवं उपयुक्त तरीके से कार्य कर रहे हैं, आवश्यक नियंत्रणों का पालन कर रहे हैं, आवश्यक जांच-पड़ताल की व्यवस्था मौजूद है और आंतरिक नियंत्रण संरचना इस प्रकार है कि लेखों में कोई महत्वपूर्ण त्रुटि न हो, जिससे वित्तीय अनुशासन बनाए रखा जा सके। कोषागारों का निरीक्षण तथा वाउचरों की समीक्षा एक ऐसा तंत्र है जिसके माध्यम से यह आश्वासन प्राप्त किया जाता है। कोषागारों के कार्यों की वार्षिक समीक्षा की जाती है, ताकि प्रणालीगत कमियों, कार्य में अनियमितताओं/अपूर्णताओं तथा नियमों एवं प्रक्रियाओं से विचलन को उजागर किया जा सके, जो वित्तीय रिपोर्टिंग, प्रबंधन और जवाबदेही की संपूर्ण प्रक्रिया को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करते हैं।