सामान्य भविष्य निधि
भारत के राष्ट्रपति ने सी.ए.जी. भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 के अनुच्छेद 309 और खंड (5) द्वारा प्रदत्त शक्ति के अभ्यास में भारत ने G.P.F. (CS) नियम 1960 बनाया। ये नियम प्रथम अप्रैल 1960 को लागू हुए।
सभी सरकारी कर्मचारी, स्थायी और अस्थायी, नियमित प्रतिष्ठान में पैदा हुए और आकस्मिक भुगतान नहीं किए जाने पर निधि की सदस्यता लेंगे। अस्थायी सरकारी कर्मचारी एक वर्ष की निरंतर सेवा के बाद सदस्यता लेंगे। बशर्ते कि अंशदायी भविष्य निधि की सदस्यता के लिए ऐसे किसी भी सेवक की आवश्यकता या अनुमति नहीं दी गई है, जो निधि में एक ग्राहक के रूप में शामिल होने या जारी रखने के लिए पात्र होगा, जबकि वह ऐसे कोष की सदस्यता के लिए अपने अधिकार को बरकरार रखता है। 15-05-2003 से पहले सेवा में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों को एक वर्ष की निरंतर सेवा पूरी होने के बाद अनिवार्य रूप से इस योजना में शामिल होना चाहिए। उन कर्मचारियों को GPF खाता संख्या प्रधान महालेखाकार कार्यालय (A & E), HP, शिमला -171003 द्वारा आवंटित की जाती है।