भारत के संविधान ने नियंत्रक और महालेखा परीक्षक को राष्ट्र के लेखा परीक्षक के रूप में अनिवार्य किया है. कार्यपालिका से कैग की स्वतंत्रता संविधान के अनुच्छेद 148 में निहित है. संघ और राज्यों के खातों के संबंध में भारत के CAG के कर्तव्यों और शक्तियों को संविधान के अनुच्छेद 149 से 150 में दिया गया है. अनुच्छेद 151 में कहा गया है कि-

  1. संघ के खातों से संबंधित भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट राष्ट्रपति को प्रस्तुत की जाएगी, जो उन्हें संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखवाएगा।.
  2. किसी राज्य के लेखाओं से संबंधित भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्टें राज्य के राज्यपाल को प्रस्तुत की जाएंगी, जो उन्हें राज्य के विधान-मंडल के समक्ष रखवाएगा।
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