भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा विभाग का अध्यक्ष भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक है जिनके कर्तव्य, शक्तियां और सेवा शर्तें, सन् 1971 में संसद द्वारा पारित एक अधिनियम द्वारा निर्धारित हैं । प्रधान महालेखाकार, लेखापरीक्षा II के कार्यालय को निम्न लेखापरीक्षा कार्य सुपुर्द किए गए हैं ।
- केरला सरकार के तहत विभागों/अभिकरणों/सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों/ स्वायत्त निकायों के लेखाओं एवं पंजियों की लेखापरीक्षा तथा निम्न समूहों के अंतर्गत वर्गीकृत केरला स्टेट इलक्ट्रिसिटी बोर्ड तथा केरला स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपरेशन की निवासी लेखापरीक्षा सहित सरकारी कंपनियों, निगमों तथा विभागीय उपक्रमों की लेखापरीक्षा ।
- वित्त
- ऊर्जा एवं बिजली
- उद्योग एवं व्यापार
- परिवहन
- पर्यावरण, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी
- सार्वजनिक निर्माण
- सूचना प्रौद्योगिकी तथा संचार
- संस्कृति एवं पर्यटन
- लेखापरीक्षा की जा रही समूहों के संबंध में केरला सरकार से संबंधित भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक की रिपोर्टों की तैयारी ।
- राज्य वित्त रिपोर्ट की तैयारी एवं प्रस्तुतीकरण ।
- राज्य के उन संस्थाओं जिनके लिए नि.म.लेप. एकमात्र लेखापरीक्षक है, से संबंधित पृथक लेखापरीक्षा रिपोर्टों की तैयारी ।
- वित्तीय साक्ष्यांकन लेखापरीक्षा तथा लेखाओं का प्रमाणीकरण
- लेखापरीक्षा रिपोर्टों की जांच के समय राज्य सार्वजनिक लेखाओं / उपक्रम समितियों को सहायता प्रदान करना ।