प्रशासन
स्थानांतरण तथा तैनाती मार्गदर्शन
- स्थानांतरण लोक सेवा का अनिवार्य हिस्सा है । सभी वर्गों के कर्मचारियों को लोक हित में स्थानांतरित किया जा सकता है ।
- स्थानांतरणों के पीछे का मार्गदर्शक सिद्धांत प्रशासनिक अनिवार्यताएं तथा लोक हित होंगे ।
- पर्यवेक्षी संवर्गों की सभी पदोन्नतियों में निश्चित स्थानांतरण नीति अपरिहार्य होगी ।
- स्थानांतरित स्टेशन में दो वर्षों की न्यूनतम अवधि पदाधिकारी को पसंद के स्टेशन में स्थानांतरण हेतु अनुरोध करने के लिए अनिवार्य होगी । प्रशासनिक अनिवार्यताओं तथा उन रिक्तियों को पूरा करने के लिए पदाधिकारियों की उपयुक्तता के अनुसार उन पदों को भरने के लिए अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए, स्थानांतरण हेतु अनुरोधों को रिक्तियों की उपलब्धता के अनुसार विचार करने के लिए प्राप्ति की तारीख के अनुसार रिकार्ड किया जाएगा ।
अत्यंत अनुकम्पा, बीमारी आदि के आधार पर स्थानांतरण या स्थानांतरण से छूट हेतु सभी अनुरोधों पर, मामले की पात्रता को ध्यान में रखते हुए, मामले प्रति मामले के आधार पर निर्णय लिया जाएगा ।
स्थानांतरण बोर्ड का गठन इस प्रकार किया गया है :
स्थानांतरण बोर्ड का गठन इस प्रकार किया गया है :
समूह 'क' (गैर भा.लेप.ले.से.) व समूह 'ख' राजपत्रित | वरि.उप महालेखाकार (प्रशासन व लेप.प्र.स.-I) उप महालेखाकार (लेप.प्र.स.-II) वरिष्ठ लेखापरीक्षाअधिकारी (प्रशासन) |
दो समूह अधिकारियों में से वरिष्ठतम अध्यक्ष होंगे । प्रधान महालेखाकार स्वीकारकर्ता प्राधिकारी होंगे । |
समूह 'ख' (अराजपत्रित) एवं समूह ‘ ग’ | वरिष्ठ लेखापरीक्षा अधिकारी (प्रशासन) म ले के सचिव जहां पदाधिकारी कार्यरत है उस स्कंध के वरिष्ठ लेखापरीक्षा अधिकारी |
वरिष्ठ लेखापरीक्षा अधिकारी (प्रशासन) पदेन सदस्य होंगे तथा उप महालेखाकार (प्रशा.) स्वीकारकर्ता प्राधिकारी होंगे । |