इस कार्यालय का गठन कंप्‍ट्रोलर इंडिया ट्रेजरीज़ के रूप में वर्ष 1882 में कोलकता में किया गया था । 1919 में इसका नाम बदलकर महालेखाकार, केन्‍द्रीय राजस्‍व का कार्यालय रखा गया था। यह कार्यालय 1924 में दिल्‍ली में स्‍थानान्‍तरित किया गया जो 1956 में इन्‍द्रप्रस्‍थ इस्‍टेट में वर्तमान स्‍थापित भवन के निर्माण तक प्रेजि़डेन्‍ट बॉडीगार्ड लाइन, कर्जन रोड़ हटमैंटस से कार्य करता रहा। स्‍वतंत्रता के पश्‍चात यह कार्यालय भारत सरकार के लेन-देनों के लिए उत्‍तरदायी प्रधान लेखापरीक्षा कार्यालय बन गया। अप्रैल 1979 में इसका नाम बदलकर निदेशक, लेखापरीक्षा, केन्‍द्रीय राजस्‍व का कार्यालय हो गया । मई 1985 से, निदेशक लेखापरीक्षा, केन्‍द्रीय राजस्‍व-। नई दिल्‍ली तथा निदेशक लेखापरीक्षा, केन्‍द्रीय राजस्‍व-।।, नई दिल्‍ली के दो कार्यालयों के बनने के परिणामस्‍वरूप इसका नाम पुन: बदलकर निदेशक लेखापरीक्षा, केन्‍द्रीय राजस्‍व-।, केन्‍द्रीय राजस्‍व, नई दिल्‍ली रखा गया। फरवरी 1990 में कार्यालय का नाम पुन: प्रधान निदेशक लेखापरीक्षा-।, केन्‍द्रीय राज्‍स्‍व, नई दिल्‍ली रखा गया। सितम्‍बर 1992 में इसका नाम बदलकर ‘महानिदेशक लेखापरीक्षा केन्‍द्रीय राजस्‍व, नई दिल्‍ली का कार्यालय’’ रखा गया ।

जुलाई 2009 में विभाजन के परिणामस्‍वरूप यह कार्यालय महानिदेशक लेखापरीक्षा (केन्‍द्रीय व्‍यय), नई दिल्‍ली तथा महानिदेशक लेखापरीक्षा (केन्‍द्रीय प्राप्‍ति), नई दिल्‍ली के कार्यालय में बँट गया तथा इस कार्यालय का नाम महानिदेशक लेखापरीक्षा (केन्‍द्रीय व्‍यय), नई दिल्‍ली का कार्यालय हो गया ।

मार्च 2020 पुनः विभाजन के परिणामस्‍वरूप यह कार्यालय महानिदेशक लेखापरीक्षा कार्यालय महानिदेशक लेखापरीक्षा (गृह, शिक्षा एवं कौशल विकास), नई दिल्‍ली तथा प्रधान निदेशक लेखापरीक्षा(स्वास्थ्य, कल्याण , ग्रामीण विकास), नई दिल्‍ली के कार्यालय में बँट गया तथा इस कार्यालय का नाम महानिदेशक लेखापरीक्षा कार्यालय महानिदेशक लेखापरीक्षा (गृह, शिक्षा एवं कौशल विकास), नई दिल्‍ली का कार्यालय हो गया ।

अगस्त 2022 में महानिदेशक लेखापरीक्षा ((गृह, शिक्षा एवं कौशल विकास) कार्यालय और महानिदेशक लेखापरीक्षा (स्वास्थ्य, कल्याण , ग्रामीण विकास), नई दिल्‍ली कार्यालय का पुनः विलय के परिणामस्वरूप, इस कार्यालय का नाम बदलकर महानिदेशक लेखापरीक्षा (केंद्रीय व्यय), कर दिया गया है |  


 
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