वर्ष 1950 तक पूर्वोत्तर रेलवे की लेखापरीक्षा का कार्य ओ.टी.रेलवे एवं इ.पी.रेलवे के प्रधान लेखापरीक्षक के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत उप प्रधान लेखापरीक्षक को सौंपा गया था, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली था l

वर्ष 1952 में स्वतंत्र रूप से एक प्रधान लेखापरीक्षक की नियुक्ति इस कार्यालय में की गयी थी l दिनांक 01-04-1979  को प्रधान लेखापरीक्षक का पदनाम परिवर्तित कर लेखापरीक्षा निदेशक एवं दिनांक 01-03-1990 को प्रधान निदेशक लेखापरीक्षा कर दिया गया था l 15 जुलाई 2019 से वर्तमान में यह कार्यालय महानिदेशक लेखापरीक्षा महोदय के नेतृत्व में संचालित है l

जनवरी 1958 के पुनर्गठन के फलस्वरूप उत्तर पूर्व आंचलिक (ज़ोनल) रेलवे प्रणाली को क्रमशः पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय गोरखपुर एवं उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे मुख्यालय पांडु , गुवाहाटी में विभाजित कर दिया गया था l मंडलीय प्रारूप में विभाजन का कार्य मई 1968 से प्रारम्भ किया गया था | अगस्त 1969 को चार मण्डल लेखापरीक्षा कार्यालयों क्रमशः इज़्ज़तनगर , लखनऊ , समस्तीपुर एवं वाराणसी मंडलों का गठन हुआ l इस कार्यालय के अंतर्गत पांचवे मण्डल के रूप में सोनपुर मण्डल वर्ष 1978 में अस्तित्व में आया l इसके अतिरिक्त तीन कारख़ाना एवं भंडार लेखापरीक्षा कार्यालय क्रमशः इज़्ज़तनगर, समस्तीपुर, एवं गोरखपुर तथा ब्रॉड गेज लेखापरीक्षा कार्यालय गोरखपुर में में स्थित थे l पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत लेखापरीक्षा क्षेत्राधिकार में 486 स्टेशन एवं 2450 किलोमीटर का दायरा आता है l

दिनांक 01 अक्तूबर 2002 को सोनपुर एवं समस्तीपुर को नवनिर्मित क्षेत्र (ज़ोन) पूर्व मध्य रेलवे , मुख्यालय हाजीपुर में मिला दिया गया l

 

वर्तमान में, पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी, लखनऊ और इज्जतनगर में तीन मंडल हैं, जिसका मुख्यालय गोरखपुर में है। यह रेलवे, एक यात्री उन्मुख प्रणाली है तथा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिमी बिहार के लोगों को विश्वसनीय परिवहन सुविधा प्रदान करती है और क्षेत्र के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास को भी गति प्रदान करती है। यह रेलवे पड़ोसी देश नेपाल की परिवहन जरूरतों को भी पूरा करती है।
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