उत्तर प्रदेश
भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का निष्पादन लेखापरीक्षा प्रतिवेदन नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) में भूमि अर्जन एवं परिसम्पत्तियों के आवंटन पर (वर्ष 2021 का प्रतिवेदन संख्या-6)
दिनांक जिस पर रिपोर्ट की गई है:
Fri 17 Dec, 2021
शासन को रिपोर्ट भेजने की तिथि:
क्षेत्र
उद्योग एवं वाणिज्य
अवलोकन
“नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) में भूमि अर्जन एवं परिसम्पत्तियों के आवंटन” पर, अपनी तरह की पहली, निष्पादन लेखापरीक्षा इस तथ्य की पृष्ठभूमि पर सम्पादित की गई कि राष्ट्रीय राजधानी के निकट नोएडा के विकास से सम्बंधित मुद्दे विभिन्न हितधारकों के लिए अत्यन्त रूचि का विषय हैं।
निष्पादन लेखापरीक्षा का मुख्य केन्द्र 2005-06 से 2017-2018 की अवधि में भूमि अर्जन तथा ग्रुप हाउसिंग, वाणिज्यिक (स्पोर्ट्स सिटी सहित), संस्थागत (फार्म हाउस सहित) और औद्योगिक श्रेणियों के तहत परिसम्पत्तियों के आवंटन के लिए नोएडा द्वारा अपनायी गई नीतियों और प्रक्रियाओं पर था। परिणामतः, इन क्षेत्रों में सुधार की संभावना को सामने लाने के लिए महायोजना की तैयारी और परिसम्पत्तियों के मूल्य निर्धारण की भी जांच की गई।
प्रतिवेदन में छः अध्याय यथा सामान्य, नियोजन, भूमि का अर्जन, परिसम्पत्तियों का मूल्य निर्धारण, परिसम्पत्तियों का आवंटन एवं आन्तरिक नियंत्रण सम्मिलित हैं। अध्याय-I सामान्य, लेखापरीक्षा सौंपे जाने, लेखापरीक्षा के उद्देश्यों, लेखापरीक्षा कसौटियां, लेखापरीक्षा का कार्यक्षेत्र एवं कार्यविधि का वर्णन करता है। अन्य पाँच अध्यायों में लेखापरीक्षा परिणाम सम्मिलित हैं। अध्याय-V, परिसम्पत्तियों का आवंटन, अग्रेतर चार उप-अध्यायों यथा ग्रुप हाउसिंग भूखण्डों का आवंटन, वाणिज्यिक भूखण्डों का आवंटन (स्पोर्ट्स सिटी भूखण्डों सहित), संस्थागत भूखण्डों के आवंटन (फार्म हाउस भूखण्डों सहित) एवं औद्योगिक भूखण्डों का आवंटन में विभाजित किया गया है।
लेखापरीक्षा के परिणाम नोएडा के कार्यप्रणाली के ढांचे में गंभीर कमियों की ओर इशारा करते हैं जो सभी प्रमुख हितधारकों यथा प्राधिकरण, राज्य सरकार, उद्योग और जनता एवं विशेष रूप से घर खरीदारों आदि के लिए अत्यंत तुच्छ परिणामों में परिवर्तित हुए हैं। कार्यप्रणाली के कुछ बुनियादी सिद्धांतों जैसे जनहित का पालन, जवाबदेही, निर्णय लेने में पारदर्शिता, नैतिकता और सत्यनिष्ठा के पूरी तरह से अवहेलना के सबूत हैं। निष्पादन लेखापरीक्षा प्रतिवेदन नियमों और आदेशों के उल्लंघन, जानबूझकर तथ्यों को छिपाने आदि के उदाहरणों से भरा हुआ है। यह नोएडा के अधिकार से परे शक्ति का प्रयोग और मौजूदा नियमों और आदेशों के दुरूपयोग और उल्लंघन को उजागर करती है। किसी भी आन्तरिक लेखापरीक्षा की अनुपस्थिति के कारण नियमों/आदेशों और प्रक्रियाओं का अनियंत्रित उल्लंघन हुआ जैसा कि इस प्रतिवेदन मे लाया गया है। ये सभी नोएडा द्वारा उद्देश्यों को प्राप्त करने में नोएडा की विफलता तथा घर खरीदारों जैसे अंतिम उपयोग के हितधारकों के लिए संकट, जिन्होंने नोएडा की योजनाओं में अपनी जीवन भर की बचतों का निवेश किया, और नोएडा तथा सरकार को हजारों करोड़ रुपये के नुकसान में परिवर्तित हुए।
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