उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में “राज्य विद्युत उपक्रमों द्वारा संचालित केंद्रीयकृत सूचना प्रौद्योगिकी बिलिंग प्रणाली” पर निष्पादन लेखापरीक्षा प्रतिवेदन संख्या- 3 वर्ष 2021 का
दिनांक जिस पर रिपोर्ट की गई है:
Fri 17 Dec, 2021
शासन को रिपोर्ट भेजने की तिथि:
क्षेत्र
बिजली एवं ऊर्जा
अवलोकन
उत्तर प्रदेश राज्य विधायिका में प्रस्तुत करने के लिये नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (कर्तव्य, शक्तियाँ और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1971 की धारा 19 ए के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सरकार के लिए “राज्य विद्युत उपक्रमों द्वारा संचालित केंद्रीयकृत सूचना प्रौद्योगिकी बिलिंग प्रणाली” पर नियंत्रक-महालेखापरीक्षक द्वारा निष्पादन लेखापरीक्षा प्रतिवेदन संख्या-03 वर्ष 2021 का तैयार किया गया है। इस प्रतिवेदन में छः अध्याय शामिल है जैसा कि नीचे वर्णित हैः
अध्याय I: प्रस्तावना
आईटी आधारित राजस्व बिलिंग प्रणाली की निष्पादन लेखापरीक्षा पाँच वर्षों की अवधि के लिए अर्थात् वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक आयोजित किया गया ताकि यह जांचा जा सके कि क्या आईटी प्रणाली के विकास और अभिग्रहण की प्रक्रिया पारदर्शी, मितव्ययी और प्रतिस्पर्धी; क्या सभी व्यावसायिक नियमों का ठीक तरह से मानचित्रण किया गया था और आईटी एप्लिकेशन में सभी आवश्यक क्रियाएं प्रदान की गई थीं; एवं क्या आईटी प्रणाली के क्रियान्वयन से संगठनात्मक उद्देश्यों की प्राप्ति हुई।
अध्याय II:आईटी सक्षम ऊर्जा लेखांकन एवं लेखापरीक्षा
कम्पनी उपभोक्ताओं और विद्युत परिसंपत्तियों के आधारभूत डाटा को पूर्ण/अद्यतन करने एवं आर-एपीडीआरपी प्रणाली हेतु स्वचालित मीटरिंग करने में विफल रही। परिणामस्वरूप, प्रणाली जनित एटी एंड सी हानि रिपोर्ट अत्यधिक दोषपूर्ण रही। अग्रेतर, गैर आर-एपीडीआरपी बिलिंग प्रणाली में, स्वचालित ऊर्जा लेखांकन, लेखापरीक्षा एवं एटी एंड सी हानि रिपोर्ट तैयार करने की कोई प्रणाली नहीं है।
अध्याय III: जनरल कन्ट्रोल्स
कम्पनी ने आईटी गतिविधियों के प्रबंधन हेतु उत्तरदायी मानव संसाधन, दस्तावे़ज प्रतिधारण, आईटी सुरक्षा, व्यापार निरंतरता और आपदा बहाली योजना से सम्बंधित आवश्यक आईटी नीतियों का निरूपण एवं अंगीकरण नहीं किया। आईटी प्रणाली में गोपनीयता से समझौता किया गया क्योंकि कम्पनी लाॅग ऑन सत्रों को प्रतिबंधित करने में विफल रही।
अध्याय IV: एप्लिकेशन कन्ट्रोल्स
अप्रैल 2018 से मार्च 2019 की अवधि के इलेक्ट्राॅनिक बिलिंग डाटा के विश्लेषण पर पता चला कि आईटी प्रणाली कम्पनी के प्रासंगिक एवं सही व्यावसायिक नियमों के मानचित्रण में विफल रही जिससे हितधारकों जैसे कि सरकार, कम्पनी एवं उपभोक्ताओं के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा ।
अध्याय V: इनपुट कन्ट्रोल्स एवं सत्यापन जाँच
कम्पनी ने विभिन्न डाटा इनपुट के लिए सत्यापन जांच सुनिश्चित नहीं किया। इसके परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं का डाटाबेस दोषपूर्ण हो गया और डुप्लिकेट प्रविष्टियाँ हुई, जिससे उपभोक्ताओं का पता नही लग पाने के कारण राजस्व वसूली अवरूद्ध हो गयी। अग्रेतर, दोनों आईटी बिलिंग प्रणालियों में उपभोक्ताओं को उनकी यथा सम्बंधित श्रेणियों की दर अनुसूची से सम्बद्ध न करने के कारण डिस्काॅम्स को राजस्व की बहुत अधिक हानि हुई।
अध्याय VI: अन्य विषय
कम्पनी के आन्तरिक नियंत्रणों में बहुत कुछ प्राप्त होना रह गया जो इष्टतम् बिलिंग हेतु मीटर-पठन योजना के तैयार करने, बकाया धनराशि की वसूली का अनुश्रवण करने एवं स्थायी असंयोजन करने तथा वास्तविक उपभोग के आधार पर बिल निर्गत करने हेतु आईटी बिलिंग प्रणाली को नियोजित करने में एवं सरकारी उपभोक्ताओं को प्रीपेड मीटर लगाने के सम्बंध में कम्पनी की विफलता से प्रमाणित होता है।
संस्तुतियां:
सरकार ने समापन बैठक में सात संस्तुतियों (कुल आठ संस्तुतियों में से) को स्वीकार कर लिया है, जबकि एक संस्तुति पर उनकी प्रतिक्रिया प्रतीक्षित है।
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