एएमजी II की संगठनात्मक संरचना इस प्रकार है:-

स्कंध के कार्य:

लेखापरीक्षा गतिविधियों को निम्नलिखित मुख्यालय अनुभागों द्वारा समर्थित किया जाता है:

समन्वय अनुभाग

यह अनुभाग स्कंध की विभिन्न शाखाओं और अनुभागों के बीच समन्वय के लिए उत्तरदायी है। यह आंकड़ों का संकलन करता है और स्कंध से संबंधित सूचनाओं के संग्रह, समेकन, तैयारी और अग्रेषण की सुविधा प्रदान करता है।

कार्यक्रम और सामान्य अनुभाग

यह अनुभाग लेखापरीक्षिती इकाइयों की स्थानीय लेखापरीक्षा के लिए वार्षिक लेखापरीक्षा योजना, सामरिक लेखापरीक्षा योजना और त्रैमासिक दौरे के कार्यक्रम को तैयार करने के लिए उत्तरदायी है । यह अनुभाग ऑडिट यूनिवर्स के लिए डाटाबेस के रखरखाव के लिए उत्तरदायी है।

संस्करण और अनुसरण अनुभाग

स्कंध के अधिकार क्षेत्र में आने वाले विभागों/लेखापरीक्षा इकाइयों को निरीक्षण रिपोर्ट जारी करने और बकाया लेखापरीक्षा पैराग्राफों के अनुसरण के लिए संस्करण और अनुवर्ती अनुभागों के बीच में विभाजित किया गया है। ये अनुभाग निम्नलिखित के लिए उत्तरदायी हैं:

  • निरीक्षण प्रतिवेदनों का पुनरीक्षण
  • बकाया पैराग्राफों का अनुसरण और पैराओं की निपटान से संबंधित कार्य
  • निरीक्षण प्रतिवेदनों का रखरखाव
  • मासिक रिपोर्ट तैयार करना और प्रस्तुत करना, जब भी वे देय हों, ।

डीपी और तकनीकी कक्ष :

स्कंघ की इस शाखा को लेखापरीक्षा प्रतिवेदन के लिए विवरण और सामग्री उपलब्ध कराने से संबंधित कार्य जैसे एसओएफ, डीपी आदि तैयार करना सौंपा गया है । तकनीकी कक्ष फील्ड़ लेखापरीक्षा पार्टियों और मुख्यालय को तकनीकी सहायता प्रदान करता है।

ऑडिट इंटेलिजेंस यूनिट (AIU)

इस इकाई को स्कंध द्वारा लेखापरीक्षित विभागों से डंप के रूप में डिजीटल डेटा प्राप्त करने, डेटा विश्लेषण करके बिजनेस इंटेलिजेंस मॉडल विकसित करने और आपत्तियाँ/लेखापरीक्षा ज्ञापन तैयार करने से संबंधित कार्य सौंपा गया है। विभाग को जारी करने के लिए इन आपत्ति रिपोर्टों को एक विशेष इकाई की लेखापरीक्षा करने वाली स्थानीय लेखापरीक्षा पार्टी को भेजी जाती हैं।

स्थानीय लेखापरीक्षा दल

लेखापरीक्षा गतिविधियों जैसे निष्पादन लेखापरीक्षा, अनुपालन लेखापरीक्षा, प्रमाणन लेखापरीक्षा आदि करने के लिए स्कंध में ग्यारह (11) स्थानीय लेखापरीक्षा दलों का गठन किया गया है।  लेखापरीक्षा और लेखा विनियम, 2007 के अनुसार स्कंध में किए जाने वाले लेखापरीक्षा के प्रकार नीचे दिए गए हैं:

अनुपालन लेखापरीक्षा

कानूनों और विनियमों का किस हद तक पालन किया गया है इसका आकलन करना (लेन-देन की लेखापरीक्षा)।

निष्पादन लेखापरीक्षा

निष्पादन लेखापरीक्षा एक स्वतंत्र मूल्यांकन या जांच है कि किस हद तक कोई संगठन, कार्यक्रम या योजना आर्थिक रूप से, कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से संचालित होती है।

वित्तीय सत्यापन लेखापरीक्षा / वार्षिक लेखों का प्रमाणन

ये लेखापरीक्षा कंपनी अधिनियम, 2013 और संवैधानिक निगमों से संबंधित विभिन्न अधिनियमों के अंतर्गत, नियंत्रक और महालेखापरीक्षक के कर्तव्य शक्तियां और शर्तें अधिनियम (डीपीसी)  1971 की धारा 13, 14, 19 और 20 के तहत स्वायत्त निकायों के लेखों के प्रमाणन किए जाते हैं, जो ऊपर उल्लिखित विभागों के अंतर्गत आते हैं।

विशेष लेखापरीक्षा

जब संदिग्ध चूक के मामलों में राज्य सरकार द्वारा एक विशेष लेखापरीक्षा का अनुरोध किया जाता है, तो मामले के महत्व पर विचार करते हुए महालेखाकार के पास विशेष लेखापरीक्षा करने या विशेष लेखापरीक्षा करने के अनुरोधों से असहमत होने के लिए विवेकाधीन शक्तियाँ होंगी।

अनुवर्ती लेखापरीक्षा

इस प्रकार की लेखापरीक्षा मुख्य रूप से पूर्व लेखापरीक्षा प्रतिवेदनों में की गई टिप्पणियों पर विभाग/निगम द्वारा की गई सुधारात्मक कार्रवाई को सत्यापित करने के लिए की जाती है। निष्पादन लेखापरीक्षा दिशानिर्देश 2014, अनुवर्ती लेखापरीक्षा के लिए व्यापक तरीके से मार्गदर्शन/प्रक्रिया प्रदान करता है।

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) लेखापरीक्षा

लेखापरीक्षिती संगठन में सूचना प्रौद्योगिकी प्रणालियों पर रखी जा सकने वाली विश्वसनीयता की सीमा के संबंध में एक राय बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम वातावरण या सूचना प्रौद्योगिकी आधारित प्रणाली की लेखापरीक्षा की गई।

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