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रा. तिरुपति वेंकटसामी, भा.लेप.एवं ले.से.
प्रधान महालेखाकार
आर. तिरुप्पति वेंकटसामी ने वर्ष 2000 में भारत सरकार (जीओआई) की भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा सेवा (आईएएएस) में कार्यभार ग्रहण किया। वर्तमान में वे प्रधान महालेखाकार (लेखा परीक्षा-II) तमिलनाडु एवं पुदुचेरी, चेन्नई के पद पर कार्यरत हैं।
इससे पहले वे महानिदेशक लेखापरीक्षा (केंद्रीय), चेन्नई के पद पर कार्यरत थे।
उन्होंने महालेखाकार (लेखापरीक्षा) II, महाराष्ट्र, नागपुर के पद पर कार्य किया, जिसके पहले वे भारतीय लेखापरीक्षा कार्यालय, कुआलालंपुर, मलेशिया में प्रधान निदेशक लेखापरीक्षा थे तथा पूर्वी एशिया और ओशिनिया क्षेत्र के 20 विभिन्न देशों में स्थित भारत के दूतावासों सहित भारत सरकार के विदेशी कार्यालयों की लेखापरीक्षा करने का दायित्व उन पर था।
उन्होंने 1992 में कृषि महाविद्यालय और अनुसंधान संस्थान, किल्लिकुलम, तमिलनाडु से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1995 में तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयंबत्तूर से कृषि विस्तार में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने 2014 में अमेरिका के मिनेसोटा विश्वविद्यालय से सार्वजनिक मामलों में स्नातकोत्तर की उपाधि भी प्राप्त की। उन्हें आईआईए, यूएसए द्वारा "प्रमाणित आंतरिक लेखापरीक्षक" (सीआईए) के रूप में, आईएसएसीए, यूएसए द्वारा "प्रमाणित सूचना प्रणाली लेखापरीक्षक" (सीआईएसए) के रूप में, एसीएफई, यूएसए द्वारा "सर्टिफाइड फ्रॉड एग्ज़ामिनर " (सीएफई) के रूप में मान्यता दी गई है और उनके पास आईडीआई, नॉर्वे से "सूचना प्रौद्योगिकी नियंत्रण की लेखापरीक्षा" में प्रमाण पत्र है।
उन्होंने तमिल में "थनिक्कई थेलिवाक्कमु सेयालमुरईगलुम" नामक पुस्तक लिखी है, जिसका अर्थ है "लेखापरीक्षा स्पष्टीकरण और प्रक्रियाएं", जो तमिल में लेखापरीक्षा पर पहली पूर्ण और व्यापक पुस्तक है।उनके द्वारा लिखी गई अन्य पुस्तकें तमिल में "मैप्पाडुगल", "सेंगाराम" और नम वज़विल थनिक्कई" हैं।
उन्होंने देश के विभिन्न भौगोलिक स्थानों में भारत सरकार के भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग के विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों में काम किया। उन्होंने लगभग तीन वर्षों तक तमिलनाडु के महालेखाकार के रूप में काम किया, जहाँ भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक की ओर से तमिलनाडु सरकार के आर्थिक और राजस्व क्षेत्र के विभागों की लेखापरीक्षा करने का दायित्व उन पर थी । उन्होंने संवेदनशील विषयों पर कई लेखापरीक्षा किए। वे सरकारी कार्यक्रमों और संस्थानों की लेखापरीक्षा में ड्रोन तकनीक और गूगल अर्थ मैप का उपयोग करने वाले अग्रदूत हैं। सेंटर फॉर एयरोस्पेस रिसर्च, एमआईटी चेन्नई के सहयोग से उनके कार्यालय द्वारा निष्पादित ड्रोन तकनीक का उपयोग करने वाली परियोजना ने 2019 के दौरान "जियो स्मार्ट इंडिया इंटरनेशनल समिट" में प्रतिष्ठित "द इंडिया जियोस्पेशियल एप्लीकेशन एंड एक्सीलेंस अवार्ड" जीता। उनके नेतृत्व वाली टीम ने संयुक्त राष्ट्र लेखापरीक्षक बोर्ड की ओर से यूनिसेफ, बुडापेस्ट, हंगरी में स्थित इसके वैश्विक साझा सेवा केंद्र और दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय कार्यालय, क्षेत्र के विभिन्न देश कार्यालयों और न्यूयॉर्क स्थित इसके मुख्यालय का 2016 से 2018 तक लेखापरीक्षा किया।
उन्होंने 2010 से 2013 तक भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में उप सचिव के रूप में भी काम किया और स्वास्थ्य वित्त, सार्वजनिक स्वास्थ्य और अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहद योगदान दिया। उन्हें योजना और नीति निर्माण, , वित्तपोषण और विकास योजनाओं और सामान्य प्रशासन की कार्यान्वयन में समृद्ध अनुभव है। उन्हें लेखापरीक्षा, लेखांकन और प्रशासन में भी व्यापक अनुभव है। वे सार्वजनिक नीति, सार्वजनिक वित्त और सार्वजनिक क्षेत्र की लेखापरीक्षा में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए दृढ़ हैं।
उन्होंने व्यापक रूप से दुनिया भर की यात्रा की है और बहु-सांस्कृतिक वातावरण में काम करने का अच्छा अनुभव है। वे तमिल और अंग्रेजी भाषाओं में पारंगत हैं और उन्हें हिंदी और तेलुगु में कार्यात्मक ज्ञान है।