वाणिज्यिक लेखापरीक्षा कार्यालय की स्थापना 1 मार्च 1957 को उपनिदेशक के अधीन हुई और इसके पश्चात इसे प्रधान निदेशक वाणिज्यिक लेखापरीक्षा एवं पदेन सदस्य लेखापरीक्षा बोर्ड, बेंगलौर का कार्यालय के रूप में पुनः नामोद्दिष्ट किया गया। कार्यालय बसवा भवन, प्रथम तल श्री बसवेश्वरा रोड, बेंगलौर – 1 में स्थित है।
लेखापरीक्षा, लेखापरीक्षा योजना एवं लेखापरीक्षा प्रक्रियाः
लेखापरीक्षाः-
कार्यालय तीन प्रकार की लेखापरीक्षा निष्पादित करता है जैसे अनुपालन लेखापरीक्षा, निष्पादन/थीम लेखापरीक्षा एवं प्रमाणन लेखापरीक्षा-लेखापरीक्षा योजनाः-
नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के कार्यालय द्वारा अनुमोदित वार्षिक लेखापरीक्षा योजना को क्षेत्रीय कार्यालयों में निष्पादित किया जाता है।लेखापरीक्षा प्रक्रियाः-
लेखापरीक्षा प्रक्रिया भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के कर्तव्य, शक्तियां एवं सेवा शर्ते अधिनियम के अनुच्छेद 19 के अनुसार।सरकारी कम्पनियों की वार्षिक लेखाओं की अनुपुरक लेखापरीक्षाः
सरकारी कम्पनी एवं डीमड कम्पनी की वार्षिक लेखाओं की नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा अनुपुरक लेखापरीक्षा के क्षेत्र में चयनित लेखाओं के अभिलेखों की जांच एवं सांविधिक लेखापरीक्षक की लेखापरीक्षा प्रतिवेदन सहित क्त द्वारा कम्पनी की वार्षिक लेखाओं पर प्रकट किए गए मत शामिल हैं।
अनुपालन लेखापरीक्षाः-
सरकारी व्यय, प्राप्तियां, परिसंपतियां एवं देयताओं से संबंधित लेन-देनों के लिए भारत के संविधान में किए गए प्रावधानों एवं नियमों/कानूनों/विनियमों की अनुपलना की जांच।
निष्पादन लेखापरीक्षाः-
संगठन, कार्याक्रम अथवा मितत्ययिता निपूणता और प्रभाव पूर्ण ढंग से परिचालित योजना के विस्तार का निष्पक्ष आँकलन अथवा जांच जो सार्वजनिक क्षेत्र की गतिविधि/योजना/कार्याक्रम को निष्पादन पर सुनिश्चित प्रदान करता है और सार्वजनिक क्षेत्र के प्रशासन और उतर दायित्व में सुधार के लक्ष्य के साथ।