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इन्‍टोसाई के साथ संबंध

इंटोएसएआई के साथ संबंध

भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्थाओं के अंतर्राष्ट्रीय संगठन (इंटोएसएआई) के शासी बोर्ड के सदस्य हैं।

सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्थानों का अंतर्राष्ट्रीय संगठन (इंटोएसएआई) बाह्य सरकारी लेखापरीक्षा समुदाय के एकछत्र संगठन के रूप में कार्य करता है। इंटोएसएआई  एक स्वायत्त, स्वतंत्र एवं अ राजनीतिक संगठन है। यह संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) का एक विशेष परामर्शदात्री दर्जा प्राप्त गैर-सरकारी संगठन है। इंटोएसएआई शासी बोर्ड सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्थानों के अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस (इन्कोएसएआई) के बीच इंटोएसएआई गतिविधियों के लिए रणनीतिक नेतृत्व, प्रबंधन एवं निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिवर्ष बैठक करता है। इंटोएसएआई कांग्रेस (इन्कोएसएआई) इंटोएसएआई  का सर्वोच्च अंग है एवं  इसमें सभी सदस्य सम्मिलित होते हैं। प्रत्येक तीन वर्ष में इसकी नियमित बैठकें होती हैं, जिसकी अध्यक्षता मेज़बान एसएआई करता है। प्रतिभागियों में सदस्य एसएआई के प्रतिनिधिमंडल के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक एवं  अन्य अंतरराष्ट्रीय एवं  व्यावसायिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं। इंटोएसएआई  की चार मुख्य समितियाँ हैं जो इसके चार रणनीतिक लक्ष्यों की पूर्ति के साधन हैं। ये समितियाँ हैं:

  • व्यावसायिक मानक समिति (पीएससी) (लक्ष्य 1) ​​(https://www.psc-intosai.org/)
  • क्षमता निर्माण समिति (सीबीसी) (लक्ष्य 2) (https://www.intosaicbc.org/)
  • ज्ञान साझाकरण एवं ज्ञान सेवा समिति (केएससी) (लक्ष्य 3) (https://www.intosaicommunity.net/)
  • नीति, वित्त एवं प्रशासनिक समिति (पीएफएसी) (लक्ष्य 4) (http://www.intosaipfac.org/)

एसएआई इंडिया, इंटोएसएआई की मानक विन्यास, क्षमता निर्माण और ज्ञान साझा करने की गतिविधियों में केएससी, आईटी लेखापरीक्षा पर इंटोएसएआई कार्यरत समूह (डब्ल्यूजीआईटीए) एवं इंटोएसएआई अनुपालन लेखापरीक्षा उपसमिति (सीएएस) में हमारे नेतृत्व की स्थिति के साथ-साथ इंटोएसएआई विकास पहल एवं इंटोएसएआई शासी बोर्ड सहित अन्य संस्थानों की गतिविधियों में हमारी भागीदारी के माध्यम से एक सक्रिय भूमिका निभाता है।

भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक, ज्ञान साझाकरण एवं ज्ञान सेवाओं पर इंटोएसएआई समिति (केएससी) एवं  इसकी संचालन समिति (केएससी एससी) के अध्यक्ष हैं।

केएससी का उद्देश्य ज्ञान विकास, ज्ञान साझाकरण एवं  ज्ञान सेवाओं के माध्यम से एसएआई सहयोग, सहभागिता एवं निरंतर सुधार को प्रोत्साहित करना है, जिसमें (i) इंटोएसएआई उत्पादों का उत्पादन एवं  संशोधन करना, (ii) मानदंड प्रदान करना एवं सामुदायिक पोर्टल संचालित करना तथा (iii) सर्वोत्तम प्रथा अध्ययन करना और साझा मुद्दों पर शोध करना शामिल है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक, केएससी की स्थापना के बाद से इसके अध्यक्ष हैं। केएससी मुख्य समिति में वर्तमान में 125 सदस्य एवं  चार पर्यवेक्षक हैं। केएससी के अंतर्गत 13 कार्यरत समूह हैं, एवं  ज्ञान साझाकरण एवं ज्ञान सेवा समिति (इंटोएसएआई  सामुदायिक पोर्टल एवं  केएससी कार्यरत समूह) की वेबसाइट https://www.intosaicommunity.net/ पर देखी जा सकती है। कार्यरत समूहों का विवरण इस प्रकार है:

  • सार्वजनिक ऋण पर कार्यरत समूह (डब्ल्यूजीपीडी) (अध्यक्ष: एसएआई फिलीपींस)
  • सूचना प्रौद्योगिकी लेखापरीक्षा पर कार्यरत समूह (डब्ल्यूजीआईटीए) (अध्यक्ष: एसएआई इंडिया)
  • पर्यावरण लेखापरीक्षा पर कार्यरत समूह (डब्ल्यू जीईए) (अध्यक्ष: एसएआई फिनलैंड)
  • सार्वजनिक नीतियों एवं  कार्यक्रमों के मूल्यांकन पर कार्यरत समूह (डब्ल्यू जीईपीपीपी) (अध्यक्ष: एसएआई स्विट्जरलैंड)
  • भ्रष्टाचार एवं  धनशोधन के विरुद्ध कार्यरत समूह (डब्ल्यूजीएफएसीएमएल) (अध्यक्ष: एसएआई मिस्र)
  • एसडीजी एवं प्रमुख सतत विकास संकेतकों पर कार्यरत समूह (डब्ल्यूजीएसडीजी केएसडीआई) (अध्यक्ष: एसएआई रूस)
  • एसएआई के मूल्य एवं  लाभ पर कार्यरत समूह (डब्ल्यूजीवीबीएस) (अध्यक्ष: एसएआई मैक्सिको)
  • वित्तीय एवं आर्थिक स्थिरता पर कार्यरत समूह (डब्ल्यूजीएफईएस) (अध्यक्ष: एसएआई यूएसए)
  • निष्कर्षण उद्योगों की लेखापरीक्षा पर कार्यरत समूह (डब्ल्यूजीईआई) (अध्यक्ष: एसएआई युगांडा)
  • सार्वजनिक अधिप्राप्ति लेखापरीक्षा पर कार्यरत समूह (डब्ल्यूजीपीपीए) (अध्यक्ष: एसएआई रूसी)
  • बृहद आंकड़ों पर कार्यरत समूह (डब्ल्यू जीबीडी) (अध्यक्ष: एसएआई चीन)
  • लेखापरीक्षा पर विज्ञान एवं  प्रौद्योगिकी के प्रभाव पर कार्यरत समूह (डब्ल्यू जीआईएसटीए) (अध्यक्ष: एसएआई मिस्र)
  • अनुवर्ती लेखापरीक्षा पर कार्यरत समूह (डब्ल्यूजीएफए) (अध्यक्ष: एसएआई मलेशिया)

ये कार्यरत समूह विशिष्ट क्षेत्रों की लेखापरीक्षा पर मार्गदर्शन एवं सर्वोत्तम प्रथाओं को तैयार करने के लिए समर्पित हैं।

केएससी संचालन समिति (केएससी एससी), जिसकी अध्यक्षता एसएआई एसएआई भारत करता है एवं जिसमें 13 सदस्य होते हैं तथा  जिसमें केएससी के अंतर्गत कार्यरत समूहों के अध्यक्ष, इंटोएसएआई व्यावसायिक मानक समिति (पीएससी) के अध्यक्ष (लक्ष्य 1), इंटोएसएआई क्षमता निर्माण समिति (सीबीसी) के अध्यक्ष (लक्ष्य 2) एवं  एसएआई की अग्रणी लघु रीति परियोजनाएं, तथा चार पर्यवेक्षक, समन्वय की भूमिका निभाते हैं एवं मूल्यांकन करते हैं कि केएससी के कार्य इंटोएसएआई के उद्देश्यों के अनुरूप हैं या नहीं। समिति की बैठक प्रत्येक वर्ष कार्यरत समूहों की महत्वपूर्ण गतिविधियों एवं  इंटोएसएआई की लघु रीतिप्राथमिकताओं पर चर्चा करने के लिए होती है तथा प्रत्येक वर्ष इंटोएसएआई शासी बोर्ड को केएससी गतिविधियों की प्रगति की आख्या देती है।

इंटोएसएआई ज्ञान साझाकरण समिति संचालन समिति की 16वीं बैठक 14 अक्टूबर 2024 को केन्या के नैरोबी में आयोजित की गई। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक  ने केएससी के अध्यक्ष के रूप में बैठक का उद्घाटन किया।

भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक आईटी लेखापरीक्षा (डब्ल्यूजी आईटीए) पर इंटोएसएआई  कार्यरत समूह के अध्यक्ष हैं।

आईटी लेखापरीक्षा पर कार्यरत समूह (डब्ल्यूजीआईटीए) को 1989 में आईटी लेखापरीक्षा के क्षेत्र में एसएआई के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था। डब्ल्यूजीआईटीए का उद्देश्य अनुभवों के आदान-प्रदान के लिए सूचना एवं  सुविधाएं प्रदान करके तथा द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करके सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग एवं लेखापरीक्षा में अपने ज्ञान एवं  कौशल को विकसित करने में एसएआई को सहायता प्रदान करना है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक, डब्ल्यूजीआईटीए की स्थापना के बाद से इसके अध्यक्ष हैं।

वर्तमान में, डब्ल्यूजीआईटीए में 57 सदस्य एवं 7 पर्यवेक्षक हैं। विस्तृत जानकारी डब्ल्यूजीआईटीए की वेबसाइट http://wgita.intosaicommunity.net/ पर उपलब्ध है।

डब्ल्यूजीआईटीए की 33वीं वार्षिक बैठक 15 अक्टूबर 2024 को केन्या के नैरोबी में आयोजित की गई। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक  ने डब्ल्यूजीआईटीए के अध्यक्ष के रूप में बैठक का उद्घाटन किया।

डब्ल्यूजीआईटीए बैठकों के साथ सेमिनार/वेबिनार आयोजित करने की प्रथा के अनुसार, इस वर्ष डब्ल्यूजीआईटीए बैठक के बाद 16 अक्टूबर 2024 को केन्या के नैरोबी में “प्रभावशाली सूचना प्रोद्यौगिकी लेखापरीक्षाओं के लिए एसएआई को पुनः स्थापित करना” विषय पर डब्ल्यूजीआईटीए सेमिनार आयोजित किया गया।

भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक, इंटोएसएआई अनुपालन लेखापरीक्षा उपसमिति (सीएएस) के अध्यक्ष भी हैं।

भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक, 2017 से अनुपालन लेखापरीक्षा उपसमिति (सीएएस) के अध्यक्ष हैं, यह इंटोएसएआई की व्यावसायिक मानक समिति (पीएससी) के अंतर्गत चार मानक निर्धारण समितियों में से एक है। पीएससी के अंतर्गत अन्य उप-समितियां वित्तीय लेखापरीक्षा एवं लेखा उप-समिति (एफएएएस), निष्पादन लेखापरीक्षा उप-समिति (पीएएस) और आंतरिक नियंत्रण उप-समिति (आईसीएस) हैं। सीएएस का अधिदेश "अनुपालन लेखापरीक्षा" की परिभाषा को विस्तृत एवं  स्पष्ट करना, अनुपालन लेखापरीक्षा के संबंध में एसएआई के विभिन्न अधिदेशों का अवलोकन प्रदान करना, अनुपालन लेखापरीक्षा की योजना, क्रियान्वयन एवं रिपोर्टिंग के संबंध में व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान करना तथा अनुपालन लेखापरीक्षा के लिए इंटोएसएआई दिशानिर्देश विकसित करना है।

सीएएस में 22 सदस्य एवं  2 पर्यवेक्षक हैं। विस्तृत जानकारी निम्नलिखित लिंक पर उपलब्ध है: http://www.psc-intosai.org/committee/compliance-audit-subcommittee/

इंटोएसएआई  सीएएस की 21वीं वार्षिक बैठक 12 दिसंबर 2024 को ऑनलाइन आयोजित की गई। सीएएस के अध्यक्ष के रूप में भारत के नियंत्रक एवं  महालेखापरीक्षक ने वीडियो संदेश के माध्यम से बैठक का उद्घाटन किया।

एसएआई इंडिया अन्य इंटोएसएआई लक्ष्य समितियों, पीएससी के अंतर्गत दो अन्य इंटोएसएआई  उपसमितियों, दो इंटोएसएआई टास्क फोर्स एवं  इंटोएसएआई  दाता सहयोग संचालन समिति का भी सदस्य है।