लेखापरीक्षा रिपोर्ट
Chhattisgarh
31 मार्च 2019 को समाप्त वर्ष के लिए राजस्व क्षेत्र पर भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का प्रतिवेदन, छत्तीसगढ़ शासन, वर्ष 2021 का प्रतिवेदन क्रमांक - 1
अवलोकन
प्रतिवेदन में छः अनुपालन लेखापरीक्षा कंडिकायें एवं एक निष्पादन लेखापरीक्षा ‘‘मुद्रांक शुल्क एवं पंजीयन फीस का निर्धारण, आरोपण एवं संग्रहण’’ जिसमे रु.88.57 करोड़ की राशि सन्निहित थी को छः अध्यायों में प्रस्तुत किया गया है।
वर्ष 2018-19 में छत्तीसगढ़ शासन का कुल प्राप्तियाँ रु. 65,094.93 करोड़ था, जिसमें राज्य का स्वंय का कर राजस्व रु.21,427.26 करोड़, करेतर राजस्व रु. 7,703.02 करोड़, विभाज्य संघीय करों में राज्य का अंश रु. 23,458.69 करोड़ एवं सहायता अनुदान रु. 12,505.96 करोड़ रहा। राज्य का कुल राजस्व प्राप्तियों में से राज्य के संग्रहित राजस्व प्राप्तियों का हिस्सा 45 प्रतिशत रहा।
बिक्री कर के अंतर्गत प्राप्तियाॅँ राज्य शासन द्वारा 2014-18 के दौरान बजट, प्रत्याशित अनुमानों से मेल नहीं खा सका परंतु 2018-19 के दौरान बजटीय अनुमान से अधिक्य रहा। राज्य वस्तु एवं सेवाकर के अंतर्गत भी प्राप्तियाॅँ 2018-19 के दौरान बजटीय अनुमान से अधिक्य रही एवं 2018-19 के दौरान राज्य के लिए राजस्व का एकमात्र सबसे बड़ा श्रोत रहा। राज्य आबकारी प्राप्तियाँ 2017-19 के दौरान बजटीय अनुमान से अधिक्य रही परंतु स्टाम्प एवं पंजीकरण शुल्क, एवं भू-राजस्व 2014-19 के दौरान प्रत्याशित अनुमानों से मेल नही खा सके।
निष्पादन लेखापरीक्षा ‘‘मुद्रांक शुल्क एवं पंजीयन फीस का निर्धारण, आरोपण एवं संग्रहण’’ में प्रणाली गत कमियां पाई गई जैसे की विभाग द्वारा स्टाॅक/कामोडेटी एक्सचेंजों के माध्यम से प्रतिभूतियों के क्रय विक्रय पर मुद्रांक शुल्क के प्राप्ति के लिए ठोस प्रयास नहीं किये गये, विलेखों के गलत वर्गीकरण, बाजार मूल्य मार्गदर्शक सिद्धांत के प्रावधानों का पालन न करने, एवं दस्तावेजों में तथ्यों की अनदेखी करने के कारण मुद्रांक शुल्क एवं पंजीयन फीस का कम आरोपण हुआ।
इस प्रतिवेदन में मूल्य संवर्धित कर की अल्पदर के अनुप्रयोग से कर का अवरोपण, अंतर्राज्यविक्रय, माल अंतरण, पारगमन और निर्यात विक्रय के विरूद्ध दिये गये छुट/रियायती कर की दर गलत स्वीकार किये जाने के फलस्वरूप कर का अन/अवरोपण वाणिज्यिक कर विभाग में पाया गया। लेखापरीक्षा द्वारा परिवहन विभाग में वाहन स्वामियों से मोटर यानकर की अवसूली पायी गयी। विद्युत (ऊर्जा) विभाग में विद्युत शुल्क के विलंब से भुगतान पर ब्याज आरोपित करने में विफलता के फलस्वरूप ब्याज की अप्राप्ति पाया गया। वन विभाग में विभागीय अनुदेशों का अनुपालन न करने के कारण ग्रीन इंडिया मिशन के अंतर्गत सहायक प्राकृतिक पुनरूत्पादन कार्यों पर परिहार्य व्यय एवं कार्य योजना कोड के प्रावधानों का उल्लंघन कर वृक्षारोपण कार्यवृत के क्षेत्र में रोपण रहित बिगड़े वनों की पुर्नस्थापना का कार्य किया गया जिसके फलस्वरूप अनियमित व्यय पाया गया।
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31 मार्च 2019 को समाप्त वर्ष के लिए राजस्व क्षेत्र पर भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का प्रतिवेदन, छत्तीसगढ़ शासन, वर्ष 2021 का प्रतिवेदन क्रमांक - 1 (4.61 एमबी) डाउनलोड
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अध्याय-1- विहंगावलोकन (0.97 एमबी) डाउनलोड
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अध्याय-2- वाणिज्यिक कर (0.53 एमबी) डाउनलोड
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अध्याय-3- वाहन कर (0.27 एमबी) डाउनलोड
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अध्याय-4- विद्युत शुल्क (0.29 एमबी) डाउनलोड
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अध्याय-5- वन एवं वन्य प्राणी (0.36 एमबी) डाउनलोड
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अध्याय-6- मुद्रांक शुल्क एवं पंजीयन फीस (0.76 एमबी) डाउनलोड
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परिशिष्ट (0.56 एमबी) डाउनलोड
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