कार्य

     प्रत्यक्ष कर लेखापरीक्षा स्कंध में, हम कर्नाटक और गोवा में स्थित आयकर प्रधान मुख्य आयुक्तों/आयकर मुख्य आयुक्तों, आयकर महानिदेशकों, आयकर प्रधान निदेशकों/आयकर निदेशकों अर्थात् निर्धारण, छूट, अंतर्राष्ट्रीय कराधान, के कार्यभार के अंतर्गत आने वाले विभिन्न फील्ड फार्मेशनों तथा अन्य संलग्न कार्यालयों/गैर-निर्धारण कार्यों की लेखापरीक्षा करते हैं। निर्धारण कार्य में मूलतः विभिन्न निर्धारितियों के कर निर्धारण का कार्य सम्मिलित है और गैर-निर्धारण कार्यों में सामान्य प्रशासन से लेकर कर संग्रहण के अनुषंगी कार्य आदि तक शामिल हैं। ये  गैर-निर्धारण कार्य अपील, कर वसूली, अन्वेषण, आईटी प्रणालियाँ आदि हैं।

     यह कार्यालय निष्पादन लेखापरीक्षा, अनुपालन लेखापरीक्षा और वित्तीय लेखापरीक्षा का आयोजन करता है।

 

निष्पादन लेखापरीक्षा: निष्पादन लेखापरीक्षा एक संगठन, कार्यक्रम अथवा योजना के मितव्ययी, दक्षतापूर्ण और प्रभावकारी परिचालन के संबंध में किया जाने वाला स्वतंत्र मूल्यांकन अथवा जांच है।

 

अनुपालन लेखापरीक्षा: अनुपालन लेखापरीक्षा निम्नलिखित के अनुपालन के लिए सरकार के व्यय, प्राप्तियों, आस्तियों और देयताओं संबंधी लेनदेन की जांच करती है:

1. भारत के संविधान एवं उपयुक्त कानूनों के उपबंध; और

2. सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी नियमों, विनियमों, आदेशों एवं अनुदेशों या तो भारत के संविधान और कानून के प्रावधानों के अनुसरण में या फिर उच्चाधिकारी द्वारा उनको औपचारिक रूप से प्रत्यायोजित शक्तियों के आधार पर।

अनुपालन लेखापरीक्षा में नियमों, विनियमों, आदेशों और अनुदेशों की वैधता, पर्याप्तता, पारदर्शिता, औचित्य और विवेक और प्रभावकारिता के लिए उनकी जांच भी शामिल है।

 

वित्तीय लेखापरीक्षा: वित्तीय सत्यापन लेखापरीक्षा मुख्यतः एक सेट वित्तीय विवरणों पर लेखापरीक्षा अभिमत की अभिव्यक्ति से संबंधित है। वित्तीय सत्यापन लेखापरीक्षा वित्तीय विवरण में आर्थिक गलतबयानी की संभावना को कम करने के लिए अभिकल्पित किया गया है और इसलिए यह ऐसे विवरणों की विश्वसनीयता सुनिश्चित करती है।

 

वित्तीय सत्यापन लेखापरीक्षा में निम्नलिखित सम्मिलित हैं:

  • वित्तीय अभिलेखों की जांच एवं मूल्यांकन तथा वित्तीय विवरणों पर अभिमत की अभिव्यक्ति;
  • उपयुक्त संविधियों और विनियमों जो लेखा-अभिलेखों की परिशुद्धता एवं पूर्णता को प्रभावित करते हैं, के अनुपालन का मूल्यांकन सहित वित्तीय प्रणालियों एवं लेनदेन की लेखापरीक्षा; और
  • आतंरिक नियंत्रण की लेखापरीक्षा और आतंरिक लेखापरीक्षा कार्य, जो आस्तियों और संसाधनों की सुरक्षा करने में सहायता करते हैं और लेखा-अभिलेखों की परिशुद्धता और पूर्णता सुनिश्चित करते हैं।     
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