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भारत के सी0ए0जी0 का यह प्रतिवेदन वर्ष 2023-24 हेतु राज्य के वित्त पर है। यह वित्त, बजट प्रबन्धन और लेखाओं की गुणवत्ता, वित्तीय रिपोर्टिगं परम्पराएं तथा राज्य के वित्त से सम्बन्धित अन्य प्रकरणों का एक विहंगावलोकन प्रस्तुत करता है।
इस प्रतिवेदन की विषयवस्तु पर प्रकाश डालता है और महत्वपूर्ण आँकड़ों और पहलुओं के आशुचित्रों के माध्यम से, राजकोषीय संवहनीयता, बजट के आशय के सापेक्ष प्रदर्शन, राजस्व और व्यय अनुमान, भिन्नता के कारणों और इसके प्रभाव में अंर्तदृष्टि प्रदान करता है।
रिपोर्ट को चार अध्यायों में संरचित किया गया है:
अध्याय I प्रतिवेदन के आधार एवं दृष्टिकोण तथा अन्तर्निहित आँकड़ों का वर्णन करता है एवं शासकीय लेखे की संरचना, बजटीय प्रक्रियाओं, प्रमुख सूचकांकों के सूक्ष्म राजकोषीय विश्लेषण एवं घाटे/अधिशेष सहित राज्य की राजकोषीय स्थिति का विहंगावलोकन प्रस्तुत करता है।
अध्याय II राज्य के वित्त का व्यापक परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करता है तथा विगत वर्ष की तुलना में प्रमुख राजकोषीय समुच्चयों में महत्वपूर्ण परिवर्तनों] 2019-20 से 2023-24 की अवधि के दौरान समग्र प्रवृत्तियों] राज्य के ऋण की रूपरेखा एवं राज्य के वित्त लेखे पर आधारित लोक लेखे के प्रमुख संव्यवहारों का विश्लेषण करता है।
अध्याय III राज्य के विनियोग लेखे पर आधारित है एवं राज्य सरकार के विनियोग एवं आवंटन प्राथमिकताओं की समीक्षा करता है तथा बजटीय प्रबंधन से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों से विचलन पर विवरण प्रस्तुत करता है।
अध्याय IV राज्य सरकार के विभिन्न प्राधिकारियों द्वारा प्रस्तुत लेखाओं की गुणवत्ता एवं निर्धारित वित्तीय नियमों, प्रक्रियाओं एवं निर्देशों के अनुपालन किए जाने की स्थिति पर व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
यह प्रतिवेदन संविधान के अनुच्छेद 151 के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को प्रस्तुत किए जाने हेतु तैयार किया गया है।