भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग के प्रमुख होने के नाते भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक को भारत के संविधान के अनुच्छेद 149-151 के साथ-साथ नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के (कर्तव्य, शक्ति और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1971 के अंतर्गत शक्तियां प्राप्त होती हैं।
महालेखाकार (लेखापरीक्षा) हरियाणा के कार्यों को मुख्यत: निम्नानुसार वर्गीकृत किया जा सकता है:
- हरियाणा सरकार की प्राप्तियों और व्यय के लेखाओं की लेखापरीक्षा, सरकारी कंपनियों, सांविधिक निगमों, बोर्डों और स्वायत्त निकायों की लेखापरीक्षा समय समय पर यथा संशोधित विधानों के अंतर्गत और भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के अधिनियम, 1971 के कर्तव्यों और शक्तियों के प्रावधानों के अंतर्गत आवृत्त है।
- विधानसभा में रखे गए विभिन्न लेखापरीक्षा प्रतिवेदनों की जाँच में हरियाणा राज्य विधानमंडल की लोक लेखा समिति (पी.ए.सी.) और सार्वजनिक उपक्रम समिति (कोपू) की सहायता करना।
- प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) हरियाणा द्वारा तैयार किए गए हरियाणा सरकार के वित्त और विनियोग लेखाओं की लेखापरीक्षा करना।