श्री राजीव महर्षि

भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक

श्री राजीव महर्षि ने 25 सितम्बर 2017 को भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के रूप में कार्यालय का कार्यभार ग्रहण किया। संवैधानिक पदाधिकारी के रूप में, उन्हें मुख्यत: त्रिस्तरीय सरकार-संघीय, प्रांतीय और स्थानीय; राज्य के स्वामित्व वाले सार्वजनिक क्षेत्र वाणिज्यिक उपक्रमों; और संघीय और प्रांतीय सरकारों द्वारा वित्त पोषित स्वायत निकायों के लेखाओं की लेखापरीक्षा और इससे संबंधित कार्यकलापों का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। उनकी रिपोर्टें संसद और प्रान्तीय विधानमंडल के पटल पर प्रस्तुत की जाती है।

श्री महर्षि संयुक्त राष्ट्र लेखापरीक्षक बोर्ड के सदस्य और संयुक्त राष्ट्र के बाह्य लेखापरीक्षक पैनल के उपाध्यक्ष हैं। वे सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्थानों की अन्तर्राष्ट्रीय संस्था के मामलों में ज्ञान सहभाजन और ज्ञान सेवा समिति के अध्यक्ष, सूचना प्रौद्योगिकी लेखापरीक्षा कार्य समूह के अध्यक्ष, अनुपालना लेखापरीक्षा उपसमिति के अध्यक्ष और गवर्निंग बोर्ड के सदस्य के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं। उनके अन्य अन्तर्राष्ट्रीय दायित्वों में सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्थानों के एशिया संगठनों के गवर्निग बोर्ड के सदस्य और इसकी पत्रिका के सम्पादक मंडल के अध्यक्ष बनना शामिल है।

श्री महर्षि का वित्त, प्रशासन और लोक नीति में वरिष्ठ पदों पर लगभग चार दशकों का समृद्ध और वैविध्यपूर्ण लोक सेवा अनुभव रहा है। उनका पिछला पद भारत सरकार के गृह सचिव का था। इससे पूर्व, उन्होंने भारत सरकार के अधीन वित्त सचिव, सचिव (उर्वरक) और सचिव (विदेशी भारतीय मामलें) के महत्वपूर्ण पद धारण किए। उन्होंने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (वित्त), इंदिरा गांधी नहर बोर्ड के अध्यक्ष और बीकानेर के जिला न्यायाधीश और कलेक्टर के महत्वपूर्ण पदों पर भी कार्य किया। वे कृषि मंत्रालय, कैबिनेट सचिवालय और राष्ट्रपति सचिवालय में भी कार्यरत रहे।

लोक सेवा में उनके वृहत् अनुभव के साथ, श्री महर्षि सार्वजनिक क्षेत्र में शासकीय प्रक्रिया में अनुभवी अन्तदृर्ष्टि रखते हैं। वे संघीय और प्रांतीय दोनों स्तरों पर सरकार में विभिन्न विभागों में नव प्रवर्तनकारी पद्धतियों को प्रोत्साहन और कार्यन्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके है।

श्री महर्षि ने स्ट्रेंथक्लाइड बिजनस स्कूल, ग्लासगो से व्यवसाय प्रशासन में डिग्री प्राप्त की। इसके पूर्व उन्होंने सेंट स्टीफन्स कॉलेज, नई दिल्ली से बी.ए. (इतिहास) और एम.ए. (इतिहास) की डिग्री प्राप्त की।

श्री महर्षि को पढ़ने और लेखन का शौक है। उन्होंने भारत में समसामयिक मामलो पर ‘‘इंडिया 2017 ईयरबुक’’ का लेखन किया। वे उत्सुक गोल्फर, ब्रिज खिलाडी और एक शौकिया शैफ भी है।

श्री महर्षि का विवाह सुश्री मीरा महर्षि से हुआ, जो एक सेवानिवृत वरिष्ठ लोक सेवक है। उनके तीन पुत्र है जो सभी विवाहित है।