सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (यहाँ क्लिक करें देखने के लिए)

सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 नागरिकों को सशक्त बनाने, शासन प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और लोकतंत्र को वास्तव में लोगों के लिए कार्यशील बनाने हेतु बनाया गया है। यह अधिनियम नागरिकों को सार्वजनिक प्राधिकरणों के नियंत्रण में उपलब्ध सूचनाओं तक पहुँच प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है, जिससे हर सार्वजनिक प्राधिकरण के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिले। इसके साथ ही, यह अधिनियम एक केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोगों की स्थापना का भी प्रावधान करता है।

सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 सरकारी सूचना प्राप्त करने के लिए नागरिकों के अनुरोधों पर समयबद्ध प्रतिक्रिया अनिवार्य करता है। यह कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जो नागरिकों को त्वरित रूप से आरटीआई पोर्टल गेटवे के माध्यम से सूचना खोजने की सुविधा देता है। इसमें प्रथम अपीलीय प्राधिकरण (FAA), जन सूचना अधिकारी (PIO) आदि के विवरणों के साथ-साथ केंद्र व राज्य सरकारों के विभिन्न सार्वजनिक प्राधिकरणों द्वारा प्रकाशित आरटीआई संबंधित सूचनाएं / घोषणाएं उपलब्ध होती हैं।


धारा 2(एफ) - सूचना की परिभाषा

आरटीआई अधिनियम की धारा 2(एफ) के अनुसार, “सूचना” का अर्थ है किसी भी रूप में उपलब्ध सामग्री, जिसमें अभिलेख, दस्तावेज़, ज्ञापन, ईमेल, राय, सलाह, प्रेस विज्ञप्ति, परिपत्र, आदेश, लॉगबुक, अनुबंध, रिपोर्ट, कागजात, नमूने, मॉडल, किसी भी इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में संग्रहीत डेटा आदि शामिल हैं। इसमें किसी निजी संस्था से संबंधित सूचना भी शामिल हो सकती है।


सूचना प्राप्त करने हेतु अनुरोध

इस अधिनियम के अंतर्गत सूचना प्राप्त करने का इच्छुक कोई भी व्यक्ति, लिखित रूप में या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम सेअंग्रेज़ी, हिंदी या आवेदन क्षेत्र की राजभाषा में, निर्धारित शुल्क के साथ — निम्न में से किसी को अपना अनुरोध प्रस्तुत कर सकता है:

(a) संबंधित सार्वजनिक प्राधिकरण के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी या राज्य जन सूचना अधिकारी को।
(b) संबंधित केंद्रीय सहायक जन सूचना अधिकारी या राज्य सहायक जन सूचना अधिकारी को।

इसमें मांगी गई सूचना का स्पष्ट उल्लेख किया जाना आवश्यक है।


सूचना प्राप्ति हेतु आवेदन का प्रारूप

आवेदक को स्पष्ट रूप से अपना नाम, पत्राचार हेतु पता, फोन नंबर (यदि हो) और जिस विशिष्ट सूचना की आवश्यकता है उसका विवरण (संख्या और दिनांक आदि सहित यदि संभव हो तो) आवेदन में लिखना चाहिए।


शुल्क विवरण

सूचना का अधिकार (शुल्क और लागत विनियमन) नियम, 2005 के अनुसार सूचना के लिए देय शुल्क निम्न प्रकार से है:

  • धारा 6(1) के अंतर्गत सूचना प्राप्ति हेतु आवेदन शुल्क ₹10 देय है। यह शुल्क:

    • नकद रसीद द्वारा,

    • बैंक ड्राफ्ट / बैंकर चेक / भारतीय पोस्टल ऑर्डर द्वारा जमा किया जा सकता है।

भुगतान का नाम:
PAO (Audit), Office of the Accountant General (A&E) Jharkhand, Ranchi’ के पक्ष में जारी किया जाना चाहिए।

नोट: निर्धारित राशि और विधि में भुगतान न होने पर आवेदन अस्वीकृत किया जा सकता है।


सूचना सामग्री हेतु दरें (धारा 7(1))

  • प्रति पृष्ठ (A4 या A3): ₹2

  • बड़े आकार के कागज़ की प्रति प्रति: वास्तविक लागत

  • नमूने या मॉडल की प्रति: वास्तविक लागत

  • अभिलेखों का निरीक्षण:

    • पहले एक घंटे के लिए कोई शुल्क नहीं,

    • प्रत्येक अतिरिक्त घंटे के लिए ₹5 शुल्क।


अपील प्रक्रिया

यदि सूचना 30 दिनों (या आपात स्थिति में 48 घंटे) के भीतर प्रदान नहीं की जाती है, या प्रदान की गई सूचना से आवेदक असंतुष्ट है, तो वह प्रथम अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपील कर सकता है।

  • अपील की समयसीमा:
    सूचना की निर्धारित समय-सीमा समाप्त होने की तिथि से 30 दिनों के भीतर, या सूचना/निर्णय प्राप्ति की तिथि से।

  • प्रथम अपील का निस्तारण:
    प्रथम अपीलीय प्राधिकरण 30 दिनों (विशेष परिस्थितियों में 45 दिनों) में अपील का निस्तारण करेगा।

प्रथम अपील का पता:
प्रथम अपीलीय प्राधिकारी / क्षेत्रीय क्षमता निर्माण एवं ज्ञान संस्थान, रांची।


द्वितीय अपील (Second Appeal)

यदि प्रथम अपीलीय प्राधिकरण निर्धारित अवधि में निर्णय नहीं देता या निर्णय से संतुष्टि नहीं होती, तो आवेदक केंद्रीय सूचना आयोग में द्वितीय अपील दायर कर सकता है:

पता:
कक्ष संख्या 326, दूसरी मंज़िल, अगस्त क्रांति भवन, भिखाजी कामा प्लेस, नई दिल्ली - 110066

  • समयसीमा:
    प्रथम अपीलीय प्राधिकरण द्वारा निर्णय न मिलने की तिथि से 90 दिनों के भीतर।

  • महत्वपूर्ण:
    द्वितीय अपील करते समय उसकी एक प्रति CPIO और प्रथम अपीलीय प्राधिकारी को भी भेजना आवश्यक है।