राज्य लेखापरीक्षा कार्यालयों का  क्लस्टर आधारित पुनर्गठन के परिणामस्वरूप इस कार्यालय के कार्य

 सात क्लस्टरों के अंतर्गत आने वाले तमिलनाडु सरकार के अधीन सभी विभागों द्वारा किए गए व्यय की लेखापरीक्षा, नामतः

  • स्वास्थ  एवं कल्याण
  • शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार
  • वित्त
  • ग्रामीण विकास
  • कृषि, खाद्य एवं संबध्द उद्योग
  • जल संसाधन
  • सामान्य प्रशासन
  • सरकार द्वारा पर्याप्त रूप से वित्तपोषित स्वायत्त निकायों / प्राधिकरणों (उपरोक्त सात क्लस्टरों के तहत) के लेखाओं की लेखापरीक्षा ।
  • उपरोक्त सात क्लस्टरों(अर्थात्, माल और सेवा कर, स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण, राज्य उत्पाद शुल्क, वृत्ति कर, बिजली शुल्क, मनोरंजन कर, आदि) के तहत विभागों द्वारा एकत्रित राज्य सरकार की राजस्व प्राप्तियों की लेखापरीक्षा ।
  • उन क्लस्टरों से संबंधित स्वायत्त निकायों / प्राधिकरणों के लेखाओं की लेखापरीक्षा, जो  पर्याप्त रूप से वित्तपोषित नहीं है, लेकिन सी ए जी के (डी पी सी) अधिनियम या लेखापरीक्षा के अधीन लेखापरीक्षा के लिए निमंत्रित करता है,जिसे सी ए जी को सौंपा गया है।
  • इन सात क्लस्टरों के अधीन राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लेखाओं की लेखापरीक्षा
  • कार्यालय महालेखाकार (ले व ह),तमिलनाडु द्वारा संकलित राज्य सरकार के वार्षिक लेखाओं(वित्त लेखा और विनियोग लेखा)की लेखापरीक्षा और उनका प्रमाणीकरण ।
  • तमिलनाडु सरकार पर भारत सरकार के सी ए जी की रिपोर्ट (राज्य वित्त) तैयार करना और भारत के संविधान के अनुच्छेद 151 के अनुसार राज्यपाल को इसे प्रस्तुत करना ।
  • इस कार्यालय के लेखापरीक्षा क्षेत्राधिकार के तहत तमिलनाडु सरकार के क्लस्टरों / विभागों पर भारत के सी ए जी की रिपोर्ट तैयार करना और भारत के संविधान के अनुच्छेद 151 के अनुसार राज्यपाल को प्रस्तुत करना।
  • भारत के सी ए जी की रिपोर्ट की जाँच में लोक लेखा समिति (पी ए सी) और तमिलनाडु विधानसभा की सार्वजनिक उपक्रम समिति (सी ओ पी यू) की सहायता करना।
  • भारत के सी ए जी के कार्यालय द्वारा सौंपे गए विश्व बैंक और अन्य बाहरी सहायता परियोजनाओं (ई ए पी-यों) पर व्यय का प्रमाणीकरण करना । केंद्र प्रायोजित योजनाओं और राज्य योजनाओं पर व्यय का  भी प्रमाणीकरण करना ।
  • पंचायती राज संस्थान की लेखापरीक्षा (जिला परिषद, पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत)
  • इस कार्यालय के लेखापरीक्षा क्षेत्राधिकार के अंतर्गत प्रशासनिक रूप से विभागों से संबद्ध अन्य स्थानीय निकायों (न्यास निधि सहित)की लेखापरीक्षा ।

आगे, उपरोक्त कार्यों को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है अर्थात केन्द्रीय लेखापरीक्षा  और स्थानीय लेखापरीक्षा।

  • केंद्रीय लेखापरीक्षा स्कंध में (वित्तीय लेखापरीक्षा स्कंध के रूप में नामित), कार्यालय प्रधान महालेखाकार (ले व ह),  तमिलनाडु से प्राप्त वाउचर की जांच उपयुक्त प्राधिकारी ,आदि द्वारा जारी प्रतिबंधों के संदर्भ में व्यय की शुद्धता के लिए की जाती है ।
  • सरकारी कार्यालयों के स्थानीय लेखापरीक्षा के दौरान लेखाओं के रिकॉर्ड की जांच की जाती है कि वे सही तरीके से बनाए हुए हैं या नहीं।

लेखापरीक्षा  कार्य को आगे की श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है

  • वित्तीय लेखा परीक्षा (प्रमाणन लेखापरीक्षा के रूप में भी जाना जाता है)
  • अनुपालन लेखापरीक्षा
  • निष्पादन लेखा परीक्षा।
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